रायपुर – छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व में एक घायल नर बाघ को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। बाघ को इलाज के लिए नया रायपुर स्थित नंदनवन जंगल सफारी के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया है।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उप निदेशक संदीप बलगा ने बताया कि 13 अप्रैल को बफर जोन के ग्रामीणों ने एक बाघ को लंगड़ाते हुए घूमते देखा। इसकी सूचना मिलने के बाद 16 अप्रैल को इंद्रावती टाइगर रिजर्व और नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। दो दिन की मशक्कत के बाद बाघ को ट्रैक कर लिया गया।
विशेषज्ञों की टीम ने बाघ को शांत कर उसकी जांच की, जिसमें पता चला कि उसके पिछले पैर में क्लच वायर का फंदा फंसा हुआ था। इससे बाघ गंभीर रूप से घायल हो गया था और चलने-फिरने में असमर्थ हो गया था। अधिकारियों का मानना है कि यह फंदा शिकारियों द्वारा लगाया गया हो सकता है, हालांकि इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी।
चार से पांच साल की उम्र का यह नर बाघ छत्तीसगढ़ का ही है। वन विभाग के मुताबिक उसकी हालत अब स्थिर है और एक महीने के भीतर उसके पूरी तरह ठीक होने की उम्मीद है। इलाज के बाद बाघ को फिर से इंद्रावती के जंगलों में छोड़ा जाएगा।
यह बचाव अभियान पीसीसीएफ (वन्यजीव) सुधीर अग्रवाल, सीसीएफ (वन्यजीव) आरसी दुग्गा और उप निदेशक संदीप बलगा के निर्देशन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व छत्तीसगढ़ की समृद्ध जैव विविधता का प्रतीक है और यहां बाघों समेत कई दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं।