छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर दौरे के दौरान एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार नक्सलवाद के पूर्ण खात्मे तक संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने कहा, “जब तक खौफ का सफाया नहीं होगा, तब तक रुकेंगे नहीं।”

बस्तर कलेक्ट्रेट सभागार ‘प्रेरणा’ में आयोजित संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के सहयोग से नक्सल उन्मूलन की दिशा में तीव्र गति से कार्य कर रही है। उन्होंने इस कार्य को 31 मार्च 2026 तक पूर्ण करने का संकल्प दोहराया।

हर गांव और हर परिवार को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना लक्ष्य

 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हितग्राही मूलक योजनाओं का क्रियान्वयन प्राथमिकता से हो और अंतिम छोर के व्यक्ति तक शासन की पहुंच सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा, “बस्तर अब पिछड़ेपन का प्रतीक नहीं बल्कि नए भारत की संभावनाओं का प्रवेश द्वार बन चुका है।”

साय ने आयुष्मान भारत, आधार, आवास और विद्युतीकरण जैसी योजनाओं को आम जन की गरिमा और सुरक्षा की गारंटी बताया और कहा कि इनका लाभ बिना किसी बाधा के हर नागरिक तक पहुँचना चाहिए।

बस्तर के युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी

मुख्यमंत्री साय ने युवाओं को बस्तर की सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए कहा कि सरकार उन्हें केवल कौशल नहीं, बल्कि स्वाभिमान देना चाहती है। उन्होंने कहा, “हर घर में उजाला, हर हाथ में रोजगार और हर दिल में विश्वास—यही बस्तर की नई पहचान होगी।”

उन्होंने यह भी बताया कि बस्तर में उद्योग स्थापना के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें अनुसूचित जातियों, महिलाओं और स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे रोजगार और स्वावलंबन को बढ़ावा मिलेगा।

नक्सलवाद के खात्मे का संकल्प, विकास में विश्वास

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में व्यक्तिगत लाभ आधारित योजनाएं आवश्यक हैं ताकि प्रत्येक परिवार आर्थिक रूप से सशक्त हो सके। उन्होंने बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसी गतिविधियों को जनता की विकास में भागीदारी का प्रमाण बताया।

साय ने कहा कि लोगों का नक्सल विचारधारा से मोहभंग हो रहा है और वे अब विकास से जुड़ना चाहते हैं। “हमें इस विश्वास को और मज़बूत करना है,” उन्होंने जोड़ा।

प्रशासनिक निर्देश और अधोसंरचना पर ज़ोर

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों की शिकायतों को गंभीरता से लेने, उन्हें सम्मान देने और संवेदनशीलता के साथ प्रशासनिक कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बस्तर की जनता का विश्वास सरकार की सबसे बड़ी पूंजी है।

उन्होंने बताया कि बस्तर में अपूर्ण योजनाओं को जल्द पूर्ण किया जा रहा है और जगदलपुर हवाई अड्डे से नियमित उड़ानों की शुरुआत के प्रयास प्रगति पर हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य अधोसंरचना परियोजनाओं को भी गति दी जा रही है।

उपस्थित dignitaries: बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।