छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र ने पिछले 15 महीनों में पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंगलवार को “विकसित बस्तर की ओर” नामक परिचर्चा के दौरान कहा कि अब समय आ गया है कि बस्तर को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा धुड़मारास गांव को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में शामिल किया गया है, जो क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि बस्तर में और अधिक इको-टूरिज्म गांव विकसित किए जाएंगे। चित्रकोट और तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, और कोटमसर गुफाओं जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर कैनोपी वॉक, ग्लास ब्रिज, और होम स्टे जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

पर्यटन के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने एडवेंचर और सांस्कृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा देने की बात कही। इसके माध्यम से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर तैयार किए जाएंगे। इस अवसर पर उन्होंने बस्तर के समग्र विकास के लिए एक व्यापक कार्ययोजना भी प्रस्तुत की।

मुख्यमंत्री साय ने इस कार्यक्रम में यह भी कहा कि मार्च 2026 तक देश को नक्सल मुक्त करने के लक्ष्य के साथ बस्तर में विकास की रफ्तार और तेज की जाएगी। इस दिशा में “नवा अंजोर” विजन के माध्यम से बस्तर को विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के सपने का आधार बनाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि बस्तर के स्वदेशी और जैविक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने के लिए प्रोसेसिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन उत्पादों को छत्तीसगढ़ की पहचान के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि वैश्विक स्तर पर भी बस्तर अपनी खास जगह बना सके।

बैठक के दौरान कृषि, कौशल विकास, पर्यटन और उद्योग जैसे क्षेत्रों में बस्तर की संभावनाओं को लेकर गहन और सार्थक चर्चा हुई। इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्टेकहोल्डर्स भी शामिल हुए।

बस्तर अब न केवल नक्सलवाद से उबरने की ओर बढ़ रहा है, बल्कि विकास और प्रगति की नई कहानी भी लिख रहा है।