रायपुर। छत्तीसगढ़ के दक्षिणी सीमावर्ती क्षेत्र, जो कभी नक्सलवाद का गढ़ माने जाते थे, आज विकास की नई इबारतें लिख रहे हैं। विशेषकर बस्तर संभाग, जो कभी घने जंगलों, बंदूकों और भय का पर्याय था, अब शांति और प्रगति का प्रतीक बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने नक्सल उन्मूलन और विकास की दोहरी रणनीति को सफलतापूर्वक जमीन पर उतारा है, जिसके उल्लेखनीय परिणाम अब सामने आने लगे हैं।


बस्तर के कैनवास पर उभर रही है विकास की नई तस्वीर

कभी जिन इलाकों में दिन में भी जाने से लोग डरते थे, अब वहां सड़कें बन रही हैं, स्कूलों में बच्चों की किलकारियां गूंज रही हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे ग्रामीणों तक पहुंच रहा है। मुख्यमंत्री साय की दूरदर्शी नीतियों और जनकल्याणकारी योजनाओं ने इन क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ दिया है।

छत्तीसगढ़ के सात घोर नक्सल प्रभावित जिलों में से छह – कांकेर, बस्तर, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर – बस्तर संभाग में आते हैं, जबकि मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी दुर्ग संभाग का हिस्सा है। इन जिलों में पिछले 15 महीनों के भीतर अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिला है।


46 नए सुरक्षा कैंप, 145 गांवों में “नियद नेल्ला नार” योजना

सरकार द्वारा 46 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं, जिससे नक्सलियों के प्रभाव वाले 145 गांवों को सुरक्षित किया गया है। इन गांवों में ‘नियद नेल्ला नार’ (हमारे गांव, हमारा विकास) योजना लागू की गई है। इन गांवों में:

  • 124 गांव सड़क मार्ग से जुड़ चुके हैं, शेष 31 पर कार्य प्रगति पर है।

  • स्कूलों की संख्या 122 से बढ़कर 144 हो गई है, विद्यार्थियों की संख्या में 20% वृद्धि।

  • आंगनबाड़ी केंद्र 193 से बढ़कर 202 हो चुके हैं, बच्चों की संख्या में 30% इजाफा।


सरकारी योजनाओं से आमजन का सशक्तिकरण

सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं इन दूरस्थ क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक बदलाव ला रही हैं:

  • मनरेगा: 29,000 नए जॉब कार्ड जारी, जिनमें 5,000 नियद नेल्ला नार गांवों में।

  • प्रधानमंत्री आवास योजना: सात जिलों में करीब 1 लाख आवास स्वीकृत (लक्ष्य का 107%), नियद गांवों में 1100 आवास मंजूर (300% वृद्धि)।

  • आयुष्मान भारत: लाभार्थियों की संख्या 19.24 लाख से बढ़कर 21.05 लाख।

  • पीएम किसान सम्मान निधि: लाभार्थियों में 20.12% की वृद्धि।

  • उज्ज्वला योजना: 3.61 लाख से अधिक लाभार्थी।


1300 से अधिक विकास कार्य स्वीकृत, 220 करोड़ की राशि व्यय

विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत बस्तर संभाग और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में कुल 1302 कार्य योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इनमें से 308 कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि 999 कार्य प्रगति पर हैं। जनसंपर्क विभाग के उप संचालक नसीम अहमद खान के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 220 करोड़ रुपये आबंटित हुए थे, जिनमें से 200 करोड़ रुपये प्राप्त कर शत-प्रतिशत व्यय भी कर लिया गया।


विकास की इस क्रांति का केंद्र – जनविश्वास और शासन की संवेदनशीलता

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई केवल बंदूक से नहीं, बल्कि सड़कों, स्कूलों, योजनाओं और जनसंपर्क से जीती जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह बदलाव केवल शासन की उपलब्धि नहीं, बल्कि जनभागीदारी और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रमाण है।

आज का बस्तर विकास की दौड़ में शामिल हो चुका है – और यही बदलाव पूरे भारत के लिए एक प्रेरणास्रोत बनता जा रहा है।