छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर बयानबाजी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बोधघाट परियोजना और आदिवासी नेताओं के बयानों को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अगर अरविंद नेताम पहले विरोध नहीं करते, तो बोधघाट परियोजना बहुत पहले बन चुकी होती। अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बोधघाट पर चर्चा कर रहे हैं, तो यह परियोजना उद्योगों के हित में बनाई जा रही है, जबकि पहले इसका उद्देश्य आम लोगों के लिए पेयजल, सिंचाई और अन्य उपयोग था।
भूपेश बघेल ने आगे कहा कि नेताम और आरएसएस का रिश्ता अब साफ हो चुका है। उन्होंने नेताम को “आरएसएस की झूठ की पाठशाला” का उत्पाद बताया और कहा कि उनका वैचारिक दृष्टिकोण हमेशा बदलता रहता है। “जिसका कोई स्थायी विचार नहीं होता, उसका जीवन दिशाहीन होता है,” उन्होंने कहा।
कांग्रेस ने भी नेताम-कश्यप के बयानों की निंदा की
प्रदेश कांग्रेस ने अरविंद नेताम और भाजपा नेता केदार कश्यप द्वारा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को लेकर दिए गए बयानों की आलोचना की है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि दीपक बैज को अपनी धार्मिक आस्था साबित करने के लिए न तो नेताम, न कश्यप और न ही आरएसएस से प्रमाण पत्र की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि बस्तर की खनिज संपदा की लूट के खिलाफ दीपक बैज के नेतृत्व में जो आंदोलन हो रहे हैं, उससे भाजपा बौखलाई हुई है और नेताम को अपना मोहरा बना रही है।
“दीपक बैज का बस्तर से गहरा जुड़ाव”
शुक्ला ने कहा कि दीपक बैज बस्तर दशहरा में 5 वर्षों तक लगातार 75 दिन तक दंतेश्वरी माई की सेवा करते रहे हैं। सांसद रहते उन्होंने देवगुड़ी और घोटुल जैसी परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए कई प्रयास किए।
भ्रष्टाचार के आरोपों पर पलटवार
ट्रांसफर-पोस्टिंग पर बैन हटने को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर भी बघेल ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राइस मिलर्स, खदान संचालकों और कारोबारियों से पूछें – असली तस्वीर सामने आ जाएगी।
ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन
नकटी गांव में हो रहे ग्रामीण प्रदर्शन पर भूपेश बघेल ने कांग्रेस पार्टी की ओर से समर्थन जताया। उन्होंने कहा कि सरकार को ग्रामीणों को सम्मानजनक ढंग से पुनर्व्यवस्थित करना चाहिए या फिर विधायक के लिए नई जगह देखनी चाहिए। “किसी गांव को जबरन हटाकर समाधान नहीं निकलेगा,” उन्होंने कहा।
यह पूरा घटनाक्रम राज्य की राजनीति में नई गर्मी लेकर आया है और कांग्रेस तथा भाजपा के बीच वैचारिक टकराव एक बार फिर सतह पर आ गया है।