सरगुजा के ग्राम केशवपुर में वन विभाग की 10 एकड़ भूमि पर लगभग 4 साल पहले लगाए गए सागौन के पौधों की नर्सरी अब ठूंठ में तब्दील हो गई है। इस नर्सरी में सैकड़ों सागौन के पौधे तस्करों द्वारा कटाई कर दिए गए हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस क़त्ल की योजना में वन विभाग के बीट गार्ड और रेंजर की मिलीभगत भी शामिल है।

वन भूमि पर चल रही यह कटाई और अतिक्रमण की घटना लंबे समय से जारी है, लेकिन वन विभाग की उदासीनता और भ्रष्टाचार के कारण इसे रोकने में विफलता सामने आ रही है। अंबिकापुर वन मंडल ने शासन के निर्देश पर वन संरक्षण व विकास के लिए यहां सागौन के पौधे लगाए थे, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते यह प्रयास व्यर्थ साबित हुआ है।

स्थानीय निवासी बताते हैं कि वन भूमि पर लगे सागौन के छोटे-छोटे पेड़ों को काटकर ठूंठ बना दिया गया है ताकि जमीन पर अतिक्रमण किया जा सके। इस तरह वन क्षेत्र लगातार घटता जा रहा है और पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों की शिकायतों के बावजूद वन विभाग के अधिकारी इस गंभीर समस्या पर चुप्पी साधे हुए हैं।

वन विभाग के डीएफओ अभिषेक जोगावत ने मीडिया रिपोर्ट्स के बाद मामले को संज्ञान में लिया है। उन्होंने उप वन मंडलाधिकारी को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जांच में यदि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत सामने आती है तो उनके खिलाफ भी कठोर कदम उठाए जाएंगे।

यह मामला वन संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। वन विभाग को चाहिए कि वह इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए और वन भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करे। साथ ही वन क्षेत्रों में तस्करी व अतिक्रमण रोकने के लिए निगरानी बढ़ाए ताकि प्रकृति की सुरक्षा हो सके।

सरकार द्वारा वन संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों को सफल बनाने के लिए विभागीय स्तर पर भी पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है। तभी वन संपदा को बचाया जा सकेगा और भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वच्छ व हरित पर्यावरण सुनिश्चित किया जा सकेगा।

ग्राम केशवपुर की सागौन नर्सरी में हुई कटाई वन विभाग की लापरवाही का स्पष्ट संकेत है। इस घटना से पता चलता है कि संरक्षण के नाम पर केवल दिखावा हो रहा है और असल में वन संपदा की रक्षा नहीं हो पा रही। प्रशासनिक स्तर पर ठोस कार्रवाई व सतर्कता की सख्त आवश्यकता है ताकि इस तरह की घटनाओं को रोक कर वन भूमि व पेड़ों की सुरक्षा की जा सके।