छत्तीसगढ़ के देवभोग नगर पंचायत में आयोजित समाधान शिविर उस समय हंगामे में बदल गया जब सोनामुंदी वार्ड के ग्रामीणों ने शराब दुकान हटाने की मांग को लेकर मंच पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी कि अगर पांच दिनों के भीतर शराब दुकान नहीं हटाई गई तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

तीन साल से चल रही है मांग, अब उग्र रूप

ग्रामीणों ने अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि वे पिछले तीन वर्षों से सोनामूंदी में संचालित देशी-विदेशी शराब दुकान को हटाने की मांग कर रहे हैं। वार्डवासियों का कहना है कि इस दुकान की वजह से इलाके में सामाजिक और पर्यावरणीय समस्याएं बढ़ गई हैं।

बस्ती और स्कूल प्रभावित, खेतों को नुकसान

गंगाराम पाड़े, भवरसिंह और शुभांगिनी मेहर जैसे ग्रामीणों ने बताया कि शराब खरीदने वालों के कारण बस्ती का माहौल खराब हो गया है। खेतों में फेंकी गई टूटी बोतलें और प्लास्टिक पाउच से फसलें बर्बाद हो रही हैं। शिशु मंदिर स्कूल और महिला समूहों की गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं।

चेतावनी देकर उतरे मंच से

समाधान शिविर में उपस्थित अधिकारियों और पालिका अध्यक्ष को ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पांच दिनों में शराब दुकान नहीं हटाई गई तो वे धरना और उग्र आंदोलन करेंगे। इससे पहले ग्रामीणों ने सुशासन तिहार में भी अपनी मांगों को रखा था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

ग्रामीणों का यह विरोध प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। अब देखना होगा कि अगले पांच दिनों में प्रशासन क्या कदम उठाता है।