सेना में चार दशक तक सेवा दे चुके और पांच युद्धों का अनुभव रखने वाले ब्रिगेडियर प्रदीप यदु ने ऑपरेशन सिंदूर पर अपनी स्पष्ट राय रखी है। उन्होंने कहा कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक अभियान है।

उन्होंने बताया कि भारत की लड़ाई पाकिस्तान के आम नागरिकों या उनकी सेना से नहीं है, बल्कि उन आतंकी ठिकानों से है जो सीमापार से भारत में हिंसा फैला रहे हैं। “जब तक इन अड्डों का पूरी तरह सफाया नहीं हो जाता, भारत चुप नहीं बैठेगा,” उन्होंने जोर देकर कहा।

भारत मजबूत, पाकिस्तान कमजोर

ब्रिगेडियर यदु के अनुसार, आज भारत हर मोर्चे पर मजबूत है – सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से। वहीं, पाकिस्तान पिछले चार दशकों से सीधा युद्ध लड़ने की स्थिति में नहीं है और प्रॉक्सी वॉर के जरिए भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता रहा है। पुलवामा, पहलगाम और उधमपुर जैसे हमले इसी रणनीति का हिस्सा रहे हैं।

नीति में बड़ा बदलाव

अब भारत की नीति साफ है – जवाबी कार्रवाई सिर्फ आतंकवाद के अड्डों पर केंद्रित होगी। पहलगाम हमले के बाद की कार्रवाई इसका उदाहरण है, जिसमें निर्दोषों को निशाना बनाने वालों को जवाब दिया गया।

आंतरिक खतरे से भी सतर्क रहने की चेतावनी

ब्रिगेडियर यदु ने देशवासियों को सावधान किया कि आतंरिक रूप से भी देश को कमजोर करने की साजिशें हो रही हैं। कुछ लोग जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैलाकर दुश्मन का एजेंडा चला रहे हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे जयचंदों से सावधान रहना जरूरी है।”

भारत की असली ताकत: जनता की एकता

भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी जनता की एकता, भाईचारा और देशभक्ति है। ब्रिगेडियर यदु ने कहा कि पाकिस्तान की कोशिश भारत को बांटने की है, लेकिन यह देश विविधता में एकता की मिसाल है। पहलगाम हमले के बाद कश्मीर के मुसलमानों द्वारा भारत के समर्थन में खड़ा होना इसका प्रमाण है।