छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के ग्राम गिरौद में रेत खदान बंद कराने को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बीते दिनों ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए खदान बंद करने की मांग की थी और कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। गुरुवार को इसी मुद्दे को लेकर ग्रामीण गांव के चौक में एकत्र हुए और मुख्यमंत्री निवास तक मार्च करने का निर्णय लिया।

पुलिस और प्रशासन ने रोका मार्च

जैसे ही ग्रामीण सीएम हाउस की ओर पैदल रवाना हुए, पुलिस और प्रशासन की टीम ने उन्हें गांव से कुछ ही दूरी पर रोक लिया। इसके बाद प्रशासन ने समझाइश दी, जिसके बाद ग्रामीणों ने विरोध बंद कर दिया और वापस लौट गए। हालांकि, इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नाराज़गी जाहिर करते हुए जमकर हंगामा किया।

ठेकेदार पर मनमाने खनन का आरोप

ग्रामीणों का कहना है कि महानदी में रेत खनन के लिए खनिज विभाग ने एक ठेकेदार को अनुमति दी है, लेकिन ठेकेदार द्वारा नियमों का उल्लंघन कर मनमाने ढंग से खनन किया जा रहा है। इसके चलते नदी में बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिससे किसानों और मवेशियों को खतरा बढ़ गया है। बारिश के मौसम में इन गड्ढों में पानी भरने से दुर्घटनाएं होने की आशंका है।

ग्रामीणों की समस्याएं और मांगें

गांव के किसानों को खेतों तक जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मवेशियों के लिए चारे का इंतजाम भी चुनौती बन गया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि अवैध रेत खनन पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे क्षेत्र के जलस्तर में भारी गिरावट आएगी और स्थानीय निवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि रेत खदान को तत्काल बंद किया जाए और ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। प्रशासन की ओर से फिलहाल इस मामले में कोई ठोस कदम उठाए जाने की जानकारी नहीं दी गई है।