बालोद, 1 मई:
मजदूर दिवस के अवसर पर गुरुवार को बालोद के राजीव भवन में बोरे-बासी दिवस का आयोजन किया गया, जहां कांग्रेस पार्टी द्वारा श्रमिकों का गर्मजोशी से स्वागत और सम्मान किया गया। इस आयोजन की विशेष बात यह रही कि विधायक संगीता सिन्हा ने श्रमिकों के साथ जमीन पर बैठकर बोरे-बासी का भोजन किया, जो छत्तीसगढ़ की पारंपरिक संस्कृति का प्रतीक है।
विधायक संगीता सिन्हा ने कहा, “यह परंपरा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शुरू की गई थी ताकि मजदूरों के योगदान को सराहा जा सके। बासी सिर्फ एक व्यंजन नहीं बल्कि एकता और अपनत्व का प्रतीक है। मजदूर जब अपना टिफिन लेकर काम पर जाते हैं, तो उसमें अक्सर यही पारंपरिक भोजन होता है।”
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चंद्रेश हिरवानी ने कहा कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में मजदूर दिवस को लेकर अनेक सराहनीय पहलें की गई थीं। “कलेक्टर, एसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी बासी खिलाकर मजदूरों को समानता का एहसास दिलाया गया था,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने इन मानवीय आयोजनों को बंद कर दिया है, लेकिन कांग्रेस इसे अब भी जीवित रखे हुए है।
पूर्व विधायक डोमेंद्र भेड़िया ने बोरे-बासी की सेहत संबंधी खूबियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह व्यंजन न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि गर्मी में डिहाइड्रेशन से बचाव, ब्लड प्रेशर नियंत्रण और पाचन क्रिया सुधारने में सहायक है। उन्होंने बताया कि अब यह व्यंजन छत्तीसगढ़ के कई बड़े होटलों के मेन्यू में भी शामिल हो चुका है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ नेता रामजी भाई पटेल, श्याम जायसवाल, पद्मिनी साहू, विनोद शर्मा, अनिल यादव, साजन पटेल, वैभव साहू और रत्ती राम कोसमा सहित अनेक कांग्रेस कार्यकर्ता और श्रमिक उपस्थित थे। आयोजन ने न केवल मजदूरों के प्रति सम्मान जताया, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक जड़ों को भी एक बार फिर उजागर किया।