रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक कर प्रदेश में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान की गहन समीक्षा की। बैठक में गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव गृह मनोज पिंगुआ, डीजीपी अरुण देव गौतम, विशेष डीजी (नक्सल ऑपरेशंस), सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य फोकस नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रही कार्रवाई और आंतरिक सुरक्षा की वर्तमान स्थिति पर रहा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में प्रदेश को नक्सलमुक्त बनाने के संकल्प के साथ दृढ़ता से कार्य कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन करना सरकार का लक्ष्य है और इसके लिए सभी प्रयास तेज किए जा रहे हैं।
सुरक्षा बलों के अदम्य साहस की सराहना
मुख्यमंत्री ने बैठक में सुरक्षा बलों के जवानों के अदम्य साहस, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना करते हुए कहा कि उनकी बहादुरी के कारण आज कई क्षेत्र नक्सल प्रभाव से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि अंतिम सफलता अब बहुत निकट है।
समन्वय और सूचना तंत्र को मजबूत करने पर जोर
मुख्यमंत्री साय ने विशेष निर्देश दिए कि नक्सल विरोधी अभियानों में आपसी समन्वय और सूचना संकलन तंत्र को और मजबूत किया जाए ताकि कार्रवाई और भी प्रभावी हो सके। उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन केवल एक सुरक्षा अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और समूचे छत्तीसगढ़ के सुरक्षित भविष्य का मिशन है, जिसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे जिलों में सुरक्षा और विकास दोनों को साथ लेकर चलना होगा। उन्होंने स्थानीय समुदायों का विश्वास जीतने के लिए संवाद बढ़ाने और स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क निर्माण तथा रोजगार सृजन जैसे विकास कार्यों को तेज गति से पूरा करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जनता को यह महसूस होना चाहिए कि सरकार उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए पूरी तरह समर्पित है।
‘विकसित छत्तीसगढ़’ का सपना
बैठक के अंत में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब निर्णायक मोड़ पर है। उन्होंने सभी सुरक्षा और प्रशासनिक अधिकारियों से आह्वान किया कि वे पूरी निष्ठा, सजगता और प्रतिबद्धता के साथ इस ऐतिहासिक लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी भूमिका निभाएँ।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेशवासी, सुरक्षा बल और प्रशासन मिलकर नक्सलवाद के खिलाफ इस निर्णायक लड़ाई को जीतेंगे और ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के सपने को साकार करेंगे।