रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में हुए 660 करोड़ रुपए के घोटाले के बाद अब सरकार ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए बड़ी पहल की है। कॉर्पोरेशन ने ड्रग प्रोक्योरमेंट एंड डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (DPDMIS) पोर्टल को आम नागरिकों के लिए खोल दिया है।
इस पोर्टल के माध्यम से अब प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं व चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति, स्टॉक की स्थिति, और निर्माणाधीन अस्पतालों की प्रगति को रियल टाइम में देखा जा सकेगा। साथ ही दवा वितरण, निविदाएं, स्वीकृत आपूर्तिकर्ताओं की सूची, अनुबंध मूल्य और दवाओं के परिवहन में लगे वाहनों की लाइव लोकेशन भी आम जनता के लिए उपलब्ध होगी।
660 करोड़ का CGMSC घोटाला
कांग्रेस शासनकाल के दौरान हुए इस बड़े घोटाले में 660 करोड़ रुपए के रीएजेंट और मेडिकल उपकरणों की खरीदी में गड़बड़ी सामने आई थी। इस मामले में मोक्षित कॉर्पोरेशन के मालिक शशांक चोपड़ा सहित छह अधिकारी जेल में हैं। स्वास्थ्य विभाग में चर्चा है कि घोटाले से जुड़े कुछ उच्च अधिकारी अब भी जांच से बाहर हैं और उन्हें जिम्मेदार पदों पर बनाए रखा गया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
पारदर्शिता की दिशा में अहम कदम
CGMSC की एमडी पद्मिनी भोई ने कहा कि पारदर्शिता केवल आंकड़ों के दिखावे तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि आमजन को यह जानने का अधिकार होना चाहिए कि उनके स्वास्थ्य के लिए सरकार द्वारा खर्च किया गया हर संसाधन कहां और कैसे उपयोग हो रहा है। DPDMIS पोर्टल इसी सोच के तहत बनाया गया है।
इस पहल से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की दक्षता में सुधार होगा, बल्कि कार्य प्रणाली में पारदर्शिता, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और जनता के बीच विश्वास भी बढ़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह छत्तीसगढ़ में सुशासन की दिशा में एक बड़ा और अनुकरणीय प्रयास है, जो भविष्य में स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन को एक सशक्त आधार प्रदान करेगा।