जगदलपुर: छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर माओवादियों के खिलाफ चल रहे बड़े अभियान में सुरक्षा बलों को कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर बड़ी सफलता मिली है। आठ दिनों से जारी इस निर्णायक लड़ाई के बाद सुरक्षा बलों ने अब इस क्षेत्र में कई नए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) यानी सुरक्षा शिविर स्थापित करने की योजना बनाई है, जिससे माओवादियों के लिए यह इलाका अब सुरक्षित नहीं रह जाएगा।
करीब 10 हजार से अधिक जवानों की तैनाती के साथ शुरू हुए इस अभियान में पहली बार सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा की दुर्गम पहाड़ी पर चढ़ाई कर उसकी चोटी तक पहुंच बनाई है। बीते चार दशकों में यह क्षेत्र माओवादियों का मजबूत गढ़ माना जाता था, जहां पहुंचना सुरक्षा बलों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था।
अभियान के दौरान जवानों ने अब तक 150 से अधिक आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद कर उन्हें निष्क्रिय किया है, साथ ही माओवादियों के कई बंकर भी ध्वस्त किए गए हैं। भीषण गर्मी (45 से 48 डिग्री सेल्सियस) में अभियान चला रहे जवानों को पहाड़ी की चोटी पर एक प्राकृतिक जल स्रोत भी मिला है, जिससे उनका मनोबल और उत्साह बढ़ा है।
सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा की पहाड़ी शृंखला का बड़ा हिस्सा अपने नियंत्रण में ले लिया है और इसकी लगभग 250 वर्ग किमी क्षेत्रफल को माओवादियों के प्रभाव से मुक्त करने की तैयारी