धमतरी, 27 अप्रैल 2025:

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के घने जंगलों में माओवादियों के दो ठिकानों से सुरक्षाबलों ने नौ इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) और अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) की संयुक्त टीम ने शनिवार को खल्लारी थाना क्षेत्र के अंतर्गत चमेंडा और साल्हेभाट गांवों के जंगल में यह कार्रवाई की।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मणिशंकर चंद्रा ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर चलाए गए इस अभियान में सुरक्षाबलों ने जंगल में दो अलग-अलग स्थानों पर छिपाए गए प्लास्टिक के ड्रमों से तीन कुकर बम, दूध पाउडर के डिब्बों में रखे तीन आईईडी, दो पाइप बम और एक टिफिन बम बरामद किए। इन विस्फोटकों का वजन 2 से 5 किलोग्राम के बीच था। इसके अलावा, वॉकी-टॉकी, दवाइयां, बर्तन, राशन और अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री भी जब्त की गई।

पुलिस के अनुसार, माओवादी गश्त के दौरान सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए जंगलों और कच्ची सड़कों के किनारे आईईडी लगाते रहे हैं।

इसी दौरान, बीजापुर जिले में चल रहे एक अन्य बड़े नक्सल विरोधी अभियान के तहत शनिवार को दो सुरक्षाकर्मी मामूली रूप से घायल हो गए। 24 अप्रैल को एक एसटीएफ जवान और 26 अप्रैल को एक डीआरजी जवान आईईडी विस्फोट में चोटिल हुए। दोनों की हालत स्थिर बताई गई है और उनका इलाज जारी है।

बीजापुर में करीब 10,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के साथ नक्सल विरोधी इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना के संयुक्त बल करेगुट्टा पहाड़ी और आसपास के जंगलों में सक्रिय शीर्ष नक्सली नेताओं जैसे हिडमा, दामोदर और देवा की घेराबंदी कर रहे हैं। अभियान के पहले दिन सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों के शव और हथियार बरामद किए थे। सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ों में कई अन्य नक्सलियों के भी मारे जाने और घायल होने के संकेत मिले हैं।

बताया गया कि यह अभियान लंबा चलेगा और इसका लक्ष्य न केवल पीएलजीए बटालियन-1 की सैन्य ताकत को खत्म करना है, बल्कि दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी और तेलंगाना स्टेट कमेटी जैसे नक्सल थिंक टैंकों को भी कमजोर करना है।

छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2023 में भाजपा सरकार के गठन के बाद से अब तक सुरक्षा बलों ने 365 नक्सलियों को मार गिराया है और 1382 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत 2306 नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। 2025 के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 144 नक्सली मारे जा चुके हैं, 367 गिरफ्तार हुए हैं और 476 ने आत्मसमर्पण किया है।

राज्य और केंद्र सरकार के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों की संयुक्त कोशिश से यह अभियान एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है, जिससे छत्तीसगढ़ में शांति बहाल होने की उम्मीद मजबूत हुई है।