डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ के मां बलेश्वरी मंदिर प्रांगण में 25 अप्रैल को हुए रोप-वे हादसे को लेकर नया अपडेट सामने आया है। बिजली विभाग के अफसरों ने रोप-वे ऑपरेटर के उस बयान पर आपत्ति जताई है जिसमें सप्लाई फॉल्ट का हवाला दिया गया था। विभाग ने स्पष्ट किया है कि हादसे के समय बिजली सप्लाई लाइन में कोई खराबी नहीं थी। इस मामले में बिजली विभाग ने उच्च स्तर पर रिपोर्ट भेजने के साथ डोंगरगढ़ थाने में लिखित बयान भी दिया है।
हादसे के बाद ठेका कंपनी ने लो वोल्टेज की समस्या बताई थी, लेकिन बिजली कंपनी के कार्यपालन अभियंता एनके साहू ने स्पष्ट किया कि पूरे लाइन की जांच में कहीं भी फॉल्ट नहीं मिला। उन्होंने बताया कि रोप-वे के संचालन के लिए लगाया गया ट्रांसफॉर्मर संस्था का अपना है और उसका मेंटेनेंस भी संस्था की जिम्मेदारी है। अगर सप्लाई लाइन में गड़बड़ी होती तो रोप-वे की दूसरी ट्रॉली पर भी असर दिखता।
जांच के लिए जिला स्तरीय समिति गठित
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने हादसे की तकनीकी जांच के लिए जिला स्तरीय समिति बनाई है। समिति में राज्य विद्युत मंडल और लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अभियंताओं को शामिल किया गया है। समिति को सात दिनों के भीतर स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
एफआईआर दर्ज, मौके का मुआयना जारी
हादसे के बाद डोंगरगढ़ एसडीओपी आशीष कुंजाम ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया और सीसीटीवी फुटेज समेत प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए। एसडीओपी ने बताया कि जिला स्तरीय कमेटी व तकनीकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।
रोप-वे संचालन बंद, दर्शनार्थी परेशान
फिलहाल, रोप-वे का संचालन आगामी आदेश तक बंद कर दिया गया है। ठेका कंपनी ने अपने इंजीनियरों को तकनीकी जांच के लिए बुलाया है। इधर रोप-वे बंद होने से मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं, खासकर बुजुर्गों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।