रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना में हुए घोटाले के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग (EOW) ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इन सभी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। शुक्रवार को की गई 20 ठिकानों पर छापेमारी के बाद यह गिरफ्तारी हुई है, जिससे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।
सूत्रों के अनुसार, यह घोटाला भारतमाला सड़क परियोजना के लिए अभनपुर के तारखेल क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण के दौरान किया गया था। आरोप है कि राजस्व विभाग के अधिकारियों ने प्रॉपर्टी डीलरों और अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा किया। एक ही जमीन को 6-6 लोगों के नाम पर दर्ज कर सरकार से करोड़ों रुपए का मुआवजा हासिल किया गया। जिनके पास जमीन नहीं थी, उन्हें भी फर्जी दस्तावेजों के जरिये भू-स्वामी दर्शाकर मुआवजा बांटा गया।
इस घोटाले की जांच का आदेश राज्य सरकार ने विधानसभा में हंगामे के बाद कैबिनेट बैठक में लिया था। जांच के बाद EOW ने एफआईआर दर्ज कर शुक्रवार को व्यापक स्तर पर रेड की थी।
जिन अधिकारियों और अन्य लोगों के ठिकानों पर दबिश दी गई:
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एसडीएम (अटल नगर, नवा रायपुर व कांकेर)
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तहसीलदार (कटघोरा, बिलासपुर, माना बस्ती, अभनपुर)
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पटवारी (सेजबहार, अभनपुर, माना बस्ती)
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आरआई (कचना रायपुर)
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आईसीआईसीआई बैंक कर्मी (दुर्ग)
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ठेकेदार और जमीन कारोबारी (रायपुर, दुर्ग, महासमुंद)
मुख्य आरोपी:
निर्भय कुमार साहू, लखेश्वर प्रसाद किरण, शशिकांत कुर्रे, लेखराम देवांगन समेत कई अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं।
कैसे हुआ घोटाला:
पूर्व एसडीएम अभनपुर और राजस्व अधिकारियों ने सिंडिकेट बनाकर दस्तावेजों में हेराफेरी की। शासन की अर्जित भूमि को फिर से शासन को बेचने की स्कीम रची गई, गलत व्यक्तियों को मुआवजा बांटा गया और निजी जमीनों के खसरों व रकबा में भी गड़बड़ी की गई।
बताया जा रहा है कि अब तक जो घोटाले का आंकड़ा सामने आया है, वह शुरुआती है। भविष्य में पूरी रिपोर्ट आने के बाद घोटाले की राशि कई गुना बढ़ सकती है।