छत्तीसगढ़ के सभी स्कूलों में 25 अप्रैल से 15 जून तक ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया गया है। इस निर्णय का स्वागत करते हुए छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि इस अवकाश अवधि में शिक्षकों को किसी भी प्रकार की अतिरिक्त ड्यूटी, जैसे जनगणना, सर्वेक्षण या निर्वाचन सूची अद्यतन कार्य में न लगाया जाए। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी द्वारा छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना सराहनीय है, लेकिन अब शिक्षकों को भी इस अवकाश का पूर्ण लाभ दिया जाना चाहिए।

एसोसिएशन के अनुसार 1 मई से 15 जून तक की अवधि को शिक्षकों के लिए पूर्णत: अवकाश के रूप में मान्यता दी जाए, ताकि वे इस समय का उपयोग नए शैक्षणिक सत्र की तैयारी, व्यक्तिगत अध्ययन और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने में कर सकें। इसके लिए विभाग से एक स्पष्ट परिपत्र जारी करने की मांग की गई है, जिससे सभी जिलों और ब्लॉकों में समान रूप से आदेश का पालन हो।

एसोसिएशन के प्रमुख पदाधिकारियों ने यह भी बताया कि शिक्षकों को सप्ताह में छह दिन कार्य करना होता है, फिर भी उन्हें अपेक्षाकृत कम अर्जित अवकाश मिलता है। इसलिए उनके हित में ग्रीष्मावकाश के दौरान किसी भी तरह की अतिरिक्त जिम्मेदारियों से मुक्त रखा जाए। इस मांग को लेकर संगठन के कई वरिष्ठ सदस्यों ने सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की अपील की है।