छत्तीसगढ़ में लोको पायलटों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए रेलवे प्रशासन ने अहम कदम उठाया है। स्टेशनों के पास स्थित रनिंग रूम्स को वातानुकूलित किया गया है और अब नए इंजनों में शौचालय की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।

रेलवे अधिकारियों का दावा है कि लोको पायलटों और उनके परिवारों से मिलकर उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश की जा रही है। पिछले 10 वर्षों में लोको पायलटों के सभी रनिंग रूम्स को वातानुकूलित किया गया है, जबकि 2014 से पहले देश के किसी भी रनिंग रूम में एसी की सुविधा नहीं थी।

इसके अलावा, सभी नए लोकोमोटिव्स में शौचालय लगाए जा रहे हैं। पुराने लोकोमोटिव्स में शौचालय लगाने के लिए रेट्रोफिटिंग की जा रही है और डिज़ाइन में संशोधन किए जा रहे हैं। जहां भारी ट्रैफिक होता है, वहां नए रनिंग रूम्स का निर्माण किया जा रहा है। लोको पायलटों के वर्किंग ऑवर्स में भी काफी कमी आई है, जिससे उनके काम के माहौल में सुधार हुआ है।

यह कदम न केवल पायलटों के कार्य परिवेश को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है, बल्कि महिला पायलटों के लिए विशेष रूप से यह एक राहत का संकेत है, क्योंकि पहले उन्हें टॉयलेट की समस्या का सामना करना पड़ता था।

यह पहल छत्तीसगढ़ में रेलवे कर्मचारियों की भलाई के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयासों का एक सकारात्मक उदाहरण है।