छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सूखे नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है और यह शहर अब मादक पदार्थों के कारोबार का एक बड़ा सेंटर बन चुका है। महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से एमडीएमए और हेरोइन जैसे ड्रग्स आसानी से रायपुर पहुंच रहे हैं, जबकि ओडिशा से गांजे की आपूर्ति हो रही है। इसके बाद यहां से ये नशीले पदार्थ आसपास के छोटे शहरों में पहुंचाए जा रहे हैं।

पुलिस की सख्त कार्रवाई के बावजूद यह गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा। वर्ष 2024 में पुलिस ने 413 तस्करों को गिरफ्तार किया, जिनमें गांजा, एमडीएमए, हेरोइन, नशे की गोलियां, अफीम और कफ सिरप बेचने वाले शामिल थे। पकड़े गए आरोपियों में एक नेपाली और दो नाइजीरियन नागरिक भी शामिल थे। इनसे पुलिस ने 5 करोड़ से अधिक का मादक पदार्थ जब्त किया।

रायपुर के इंडस्ट्रियल इलाकों में गांजा और हेरोइन की खपत ज्यादा हो रही है, जबकि क्लबों, होटलों और कैफे में एमडीएमए की मांग तेजी से बढ़ी है। शहर में पार्टी कल्चर का चलन बढ़ने से हर वीकेंड होटल, पब और कैफे में पार्टी आयोजित की जाती है, जहां सूखे नशे की खपत होती है। पुलिस ने ऐसे कई तस्करों को पकड़ा है जो टेक्नो पार्टियों के जरिए ड्रग्स की सप्लाई कर रहे थे।

इस बढ़ते खतरे को देखते हुए हर जिले में पुलिस की विशेष टीमें बनाई गई हैं, जो मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने का प्रयास कर रही हैं। बावजूद इसके रायपुर, देशभर के तस्करों के लिए एक प्रमुख ठिकाने के रूप में सामने आया है।