छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग ने नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आईटी अधिनियम की धारा 206C(1H) में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत अब 10 करोड़ रुपए से अधिक टर्नओवर वाले कारोबारी टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स (TCS) का लाभ नहीं ले सकेंगे।
क्या है नया नियम?
आयकर विभाग के नए निर्देशों के मुताबिक, अब पार्टनरशिप फर्म और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) को अपने पार्टनर्स को किए जाने वाले कुछ विशेष भुगतानों पर टीडीएस (TDS) काटना अनिवार्य होगा। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
वेतन
पारिश्रमिक
कमीशन
बोनस
ब्याज
इन भुगतानों पर 10% की दर से टीडीएस काटना होगा और उसे आयकर विभाग के खाते में जमा कराना होगा।
किन भुगतानों पर लगेगा TDS?
अगर किसी पार्टनर को एक वित्तीय वर्ष में कुल 20,000 रुपए से अधिक का भुगतान किया जाता है, तो फर्म को टीडीएस काटना होगा। इससे कम राशि पर टीडीएस की आवश्यकता नहीं है।
TAN अनिवार्य
सभी साझेदारी फर्मों और LLP के पास टैक्स डिडक्शन अकाउंट नंबर (TAN) होना अनिवार्य किया गया है। जिनके पास TAN नहीं है, उन्हें इसके लिए आवेदन करना होगा।
TCS का लाभ खत्म
अब 10 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली इकाइयां टीसीएस का लाभ नहीं उठा सकेंगी। यह निर्णय व्यापारियों को प्रभावित करेगा, जो अब तक अपने ग्राहकों से TCS वसूलते रहे हैं।