मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी में आयोजित अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के 18वें त्रैवार्षिक अधिवेशन में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने देशभर से आए 21 राज्यों के श्रमवीरों का स्वागत किया और उन्हें हनुमान जयंती की शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा, “श्रमवीरों की यह उपस्थिति एकता और सामंजस्य का बड़ा संदेश देती है।” उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली सरकार बनी थी, तब उन्होंने श्रम राज्य मंत्री के रूप में श्रमिक हितों में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे, जिनमें न्यूनतम पेंशन निर्धारण और पीएफ की अनक्लेम राशि को श्रमिकों के हित में उपयोग करने जैसे फैसले शामिल हैं।
ऊर्जा क्षेत्र में विकास पर बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में बिजली की महत्ता सर्वविदित है। छत्तीसगढ़ एक बिजली सरप्लस राज्य है, लेकिन भविष्य की बढ़ती मांग को देखते हुए विद्युत उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में कार्य जारी है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य को 1350 मेगावाट और 850 मेगावाट की दो विद्युत परियोजनाओं की सौगात दी है।
उन्होंने बताया कि ऊर्जा क्षेत्र में 3.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। साथ ही, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत राज्य में हर घर तक बिजली पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के लिए राज्य सरकार ने बजट में सब्सिडी का प्रावधान भी किया है।
दत्तोपंत ठेंगड़ी को श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री साय ने श्रमिक कल्याण के लिए आजीवन समर्पित रहे दत्तोपंत ठेंगड़ी को याद करते हुए उनके योगदानों को नमन किया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के मंत्री एवं प्रभारी राधेश्याम जायसवाल, मधुसूदन जोशी, शोभा सिंहदेव सहित 21 राज्यों से आए विद्युत श्रमिक उपस्थित रहे।