रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार 10 अप्रैल तक नए मंत्रियों की घोषणा की जा सकती है। इसको लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन और संगठन महामंत्री शिवप्रकाश आज रायपुर पहुंच रहे हैं। वे 9 अप्रैल को संगठन की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होंगे, जिसमें नए मंत्रियों के नामों पर अंतिम मुहर लगाई जा सकती है।
अमर अग्रवाल और गजेंद्र यादव के नाम लगभग तय
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बिलासपुर से वरिष्ठ भाजपा विधायक अमर अग्रवाल और दुर्ग से विधायक गजेंद्र यादव को मंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है। बताया जा रहा है कि हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के दौरान इन नामों पर सहमति बनी थी। अमर अग्रवाल पहले भी राज्य सरकार में वित्त, स्वास्थ्य और नगरीय प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाल चुके हैं। वहीं, गजेंद्र यादव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता बिसराराम यादव के पुत्र हैं, और पार्टी इस नियुक्ति से यादव समाज को साधने की रणनीति पर काम कर रही है।
- रायपुर संभाग से भी मिल सकता है मंत्री पद
अगर हरियाणा मॉडल की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में 14 मंत्री बनाए जाते हैं, तो रायपुर संभाग से रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा, कुरूद से अजय चंद्राकर और रायपुर पश्चिम के राजेश मूणत में से किसी एक को मंत्री पद मिल सकता है।
विधानसभा उपाध्यक्ष और संसदीय सचिवों की भी घोषणा संभव
सिर्फ मंत्रिमंडल विस्तार ही नहीं, बल्कि भाजपा सरकार निगम-मंडलों में नियुक्तियों के साथ विधानसभा उपाध्यक्ष और संसदीय सचिवों की भी ताजपोशी करने जा रही है। इंटरनेट मीडिया में यह चर्चा तेज है कि अंतागढ़ से विधायक विक्रम उसेंडी को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है।
इन नेताओं को मिल सकती है संसदीय सचिव की जिम्मेदारी
सूत्रों के मुताबिक, 16 संसदीय सचिव नियुक्त किए जा सकते हैं। संभावित नामों में रायमुनि भगत, चैतराम अटामी, धर्मजीत सिंह, योगेश्वर राजू सिन्हा, भावना बोहरा, गोमती साय, मोतीलाल सिन्हा, डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, दीपेश साहू, प्रबोध मिंज, सुशांत शुक्ला, रोहित साहू, रिकेश सेन, नीलकंठ टेकाम, संपत अग्रवाल और राजेश अग्रवाल शामिल हैं।
निष्कर्ष
भाजपा संगठन और सरकार के बीच लगातार हो रही बैठकें यह संकेत दे रही हैं कि छत्तीसगढ़ में सियासी परिदृश्य में बड़ा बदलाव आने वाला है। सभी की निगाहें अब 10 अप्रैल पर टिकी हैं, जब मंत्रिमंडल विस्तार की औपचारिक घोषणा हो सकती है।