दुर्ग हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में NEP प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर नकल के मामलों का खुलासा हुआ है। विश्वविद्यालय की यूएफएम (Unfair Means) कमेटी ने जांच के बाद 18 छात्रों की पूरी परीक्षा निरस्त करने का कड़ा फैसला लिया है। अब इन छात्रों को सभी विषयों की परीक्षा दोबारा देनी होगी, जिससे उनका पूरा सेमेस्टर प्रभावित हो गया है।

मोबाइल और किताब लेकर परीक्षा में पहुंचे छात्र

नकल के ये मामले सामान्य नहीं थे। कुछ परीक्षार्थी मोबाइल फोन में PDF फॉर्मेट में पूरी उत्तरकुंजी लेकर परीक्षा हॉल पहुंचे थे, तो कुछ सीधे पूरी किताब लेकर। यूएफएम ने ऐसे मामलों को “श्रेणी C” में रखा है, जिसमें सख्त कार्रवाई तय है। इस श्रेणी में आने वाले छात्रों की नकल सामग्री को क्षमायोग्य नहीं माना गया।

एक पेपर में नकल, पूरे सेमेस्टर की कीमत

हालांकि छात्रों ने केवल एक विषय में नकल की थी, लेकिन नकल की गंभीरता को देखते हुए विश्वविद्यालय ने उनकी पूरी परीक्षा को रद्द कर दिया। इसका अर्थ है कि अब उन्हें सभी विषयों की परीक्षा दोबारा देनी पड़ेगी।

BA में सबसे अधिक नकल के मामले

नकल के अधिकतर मामले BA प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं में सामने आए हैं। यूएफएम ने ऐसे छात्रों को “श्रेणी B” में रखते हुए उस विशेष परीक्षा को निरस्त किया है, जिसमें उन्होंने नकल की थी।

शॉर्टकट बना सेमेस्टर का संकट

जांच के अनुसार, कई छात्र शॉर्टकट अपनाकर पास होने की कोशिश में परीक्षा हॉल में स्मार्टफोन लेकर पहुंचे थे। एक छात्र को तब पकड़ा गया जब वह बार-बार जेब की तरफ हाथ ले जा रहा था। उसके फोन में पूरी उत्तरकुंजी पीडीएफ फॉर्मेट में पाई गई। ऐसे मामलों में सबसे अधिक नकल प्रकरण बनाए गए हैं।

कुल मिलाकर 24 छात्र नकल में पकड़े गए

परीक्षा के दौरान कुल 24 परीक्षार्थी अवांछित सामग्री के साथ पकड़े गए, जिनमें से 18 को पूरे सेमेस्टर की परीक्षा से वंचित कर दिया गया है।