छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में खरीफ सीजन 2022 के लिए 1.38 लाख हेक्टेयर में धान समेत अन्य फसलें उगाने का लक्ष्य तय किया गया है। किसानों को कृषि कार्यों में सहायता प्रदान करने के लिए सरकार ने इस वर्ष 300 करोड़ रुपये का कृषि ऋण वितरण करने की योजना बनाई है। जिले की विभिन्न सहकारी समितियों के माध्यम से अब तक 25,629 किसान 92 करोड़ 6 लाख 99 हजार रुपये का ऋण प्राप्त कर चुके हैं।
कर्ज लेने में गातापार के किसान सबसे आगे हैं। यहां के 889 किसानों ने अब तक 3 करोड़ 6 लाख 49 हजार रुपये का कर्ज लिया है। वहीं, पिछली बार के सीजन में 1,831 किसानों ने 6 करोड़ 73 लाख रुपये का ऋण लिया था और निर्धारित समय सीमा में 1,937 किसानों ने कर्ज लिया। इनमें से 1,922 किसानों ने कर्ज की राशि भी चुका दी है, जबकि अब भी 16 किसानों से 5 लाख 83 हजार रुपये की वसूली शेष है।
कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने अब तक अपने पूर्व के ऋण का भुगतान नहीं किया है। ऐसे किसानों को वर्तमान योजना के अंतर्गत किसी प्रकार की सहायता नहीं दी जा रही है। जब तक वे बकाया चुकता नहीं करते, उन्हें खाद, बीज और अन्य कृषि सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जाएगी।
कर्ज वितरण के मामले में फरसियां गांव सबसे पीछे है। यहां केवल 181 किसानों ने कुल 35 लाख 15 हजार रुपये का कर्ज लिया है। इस साल 30 सितंबर तक 300 करोड़ रुपये का वितरण लक्ष्य पूरा करने की योजना है।
सहकारिता विभाग के नोडल अधिकारी बलरामपुरी गोस्वामी ने बताया कि किसानों को सहकारी बैंकों से ऋण मुहैया कराया जा रहा है। जिन किसानों ने पूर्व में लिया गया कर्ज नहीं चुकाया है, उन्हें इस बार ऋण नहीं मिलेगा।
पिछले कुछ वर्षों में भी ऋण वितरण की स्थिति यही रही है। खरीफ सीजन 2013 में 64,817 किसानों को 265 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज दिया गया था, जिसमें से 64,453 किसानों ने 244 करोड़ रुपये से अधिक राशि चुका दी थी। लेकिन 364 किसान अब भी 1 करोड़ 6 लाख रुपये का बकाया नहीं चुका पाए हैं।
इसके अलावा कई किसान जो दस्तावेजों की कमी या पंजीयन की समस्याओं के कारण सरकारी ऋण योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, वे साहूकारों से ऊंची ब्याज दर पर कर्ज लेने को मजबूर हैं।
सरकार द्वारा की गई इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि जिले के किसानों को कृषि कार्यों में बड़ी राहत मिलेगी और खरीफ सीजन की फसल उत्पादन में वृद्धि होगी।