छत्तीसगढ़ में इस बार मानसून ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है। आमतौर पर जून के दूसरे सप्ताह में राज्य में मानसून पहुंचता है, लेकिन इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून ने नौतपा के दौरान ही दंतेवाड़ा से प्रदेश में प्रवेश कर लिया। मौसम विभाग ने इसे ऐतिहासिक बताया है क्योंकि यह पिछले 100 वर्षों में पहली बार हुआ है जब नौतपा के दौरान मानसून छत्तीसगढ़ में आया हो।
मानसून की ऐतिहासिक एंट्री
राज्य में मानसून की औसतन आगमन तिथि 15 जून मानी जाती है। पिछले वर्ष भी मानसून 7 जून को पहुंचा था, लेकिन इस बार मानसून और पहले 28 मई को ही पहुंच गया है, जिससे एक सदी पुराना रिकॉर्ड टूट गया है। इससे पहले कभी भी मानसून ने इतने जल्दी दस्तक नहीं दी थी।
29 जिलों में मौसम विभाग की चेतावनी
मानसून की सक्रियता के कारण मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ के 29 जिलों में भारी बारिश, गरज-चमक और बिजली गिरने की संभावना जताई है। बस्तर अंचल में तो पिछले सप्ताह से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे कई नदियाँ और नाले उफान पर हैं। तीरथगढ़ जलप्रपात भी इस वजह से और आकर्षक दिखने लगा है।
बीते 24 घंटे में बारिश का हाल
पिछले 24 घंटे में राज्य के कई हिस्सों में अच्छी बारिश दर्ज की गई है। सुहेला में 6 सेंटीमीटर, देवभोग, बकावंड, भैरमगढ़ और माकड़ी में 4-4 सेंटीमीटर बारिश हुई है। बस्तर, धनोरा, जगदलपुर, नानगुर और भोपालपट्टनम में 3-3 सेंटीमीटर वर्षा हुई। अन्य स्थानों जैसे दरभा, नारायणपुर, भाटापारा, कुमरदा में 2 सेंटीमीटर और तमनार, लवन, प्रेमनगर समेत अन्य इलाकों में 1 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
राजधानी समेत अन्य जिलों में भी बारिश का असर
रायपुर सहित दुर्ग, बिलासपुर और अंबिकापुर संभागों में भी प्री-मानसून गतिविधियों की वजह से कई दिनों से बादल छाए हुए हैं। कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। बुधवार को नौतपा के चौथे दिन उमस के साथ गर्मी महसूस की गई, लेकिन दोपहर बाद मौसम ने करवट ली और तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
इस समय मानसून की जोरदार शुरुआत ने न सिर्फ राहत दी है, बल्कि खेती-किसानी की तैयारियों को भी गति दे दी है।