रायपुर। छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब उनके मेहनताने और बोनस का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में ऑनलाइन किया जाएगा। हाल ही में सामने आए तेंदूपत्ता घोटाले के बाद सरकार ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है। इसके लिए विशेष रूप से Online MFP Collection and Payment System सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्राहकों को संग्रहण पारिश्रमिक 5500 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से दिया जाएगा। अनुमान है कि इस बार संग्राहकों को कुल मिलाकर लगभग 920 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा, जो सीधे उनके बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर होगा।
ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था
राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक अनिल साहू ने बताया कि इस बार सभी जिला यूनियनें तेंदूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक का भुगतान डिजिटल माध्यम से करेंगी। 28 अप्रैल तक प्रदेश में 5.64 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। फिलहाल सुकमा, दंतेवाड़ा और जगदलपुर जिलों में संग्रहण जारी है।
बस्तर संभाग में तैयारी पूरी
बस्तर संभाग के जिलों में तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए बोरा, सुतली और अन्य जरूरी सामग्रियों एवं परिवहन की सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। इसके अलावा फड़ से गोदाम तक और गोदामों में भंडारित तेंदूपत्ता का बीमा भी राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा कराया गया है।
इस वर्ष 31 जिला वनोपज सहकारी यूनियनों के तहत 902 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के 954 लाटों में 16.72 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य तय किया गया है।
सरकार का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, संग्राहकों को समय पर भुगतान करना और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को रोकना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल तेंदूपत्ता संग्राहकों के हित में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव साबित होगी।