मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो राज्य के सामाजिक, शैक्षणिक, औद्योगिक और सांस्कृतिक विकास को नई दिशा देंगे।

1. मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की शुरुआत

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्य के शासकीय स्कूलों में “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाना, पालक-शिक्षक संवाद को मजबूत करना और छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों में सुधार करना है।

अभियान के तहत स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण किया जाएगा और ग्रेडिंग की जाएगी। कमजोर स्कूलों की निगरानी के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाएगा। मॉडल स्कूलों का चयन कर, कमजोर स्कूलों के शिक्षकों को वहां भ्रमण कराया जाएगा। कक्षा शिक्षण की गुणवत्ता सुधारने और पालक-शिक्षक बैठकों को नियमित करने पर जोर दिया जाएगा।

2. कलाकारों और साहित्यकारों को राहत

राज्य सरकार ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे कलाकारों और साहित्यकारों के लिए पेंशन राशि 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये मासिक कर दी है। यह योजना 1986 से लागू है, लेकिन 12 वर्षों से राशि में कोई वृद्धि नहीं हुई थी। वर्तमान में 162 लोगों को यह सहायता मिल रही है। इस बढ़ोतरी से सालाना राज्य पर लगभग 58 लाख रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा, लेकिन इससे इन वर्गों को आर्थिक मजबूती मिलेगी।

3. औद्योगिक भूमि नियमों में बदलाव

औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने “छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015” में संशोधन को मंजूरी दी है। इससे भूमि आवंटन की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुगम होगी, जिससे निवेशकों को सुविधा मिलेगी।

4. नई औद्योगिक नीति 2024-30 को मंजूरी

कैबिनेट ने औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में कई संशोधनों को मंजूरी दी है। इसमें रोजगार, कृषि, खेल, शिक्षा, पर्यटन और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है:

स्थानीय रोजगार को बढ़ावा: जिन कंपनियों में स्थानीय लोगों को नौकरी मिलेगी, उन्हें सरकार अनुदान देगी।

आधुनिक खेती को बढ़ावा: हाइड्रोपोनिक और एयरोपोनिक तकनीकों को प्रोत्साहन मिलेगा।

युवाओं के लिए ट्रेनिंग: खेल अकादमियों और निजी प्रशिक्षण केंद्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

उच्च शिक्षा को बढ़ावा: गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालयों की स्थापना को समर्थन मिलेगा।

पर्यटन विकास: बस्तर और सरगुजा में होटल-रिसॉर्ट निर्माण के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा घटाई गई है।

टेक्सटाइल सेक्टर: कपड़ा उद्योग को 200% तक प्रोत्साहन मिलेगा।

लॉजिस्टिक नीति: पूरे राज्य में माल परिवहन को आसान बनाने के लिए नई लॉजिस्टिक नीति लाई जाएगी।

दिव्यांगजनों के लिए विशेष लाभ: योजनाओं के अधिक लाभ देने के लिए दिव्यांगजन की परिभाषा का विस्तार किया गया है।

नए क्षेत्रों को थ्रस्ट सेक्टर में शामिल किया गया: मिनी मॉल और सीबीएसई स्कूलों को भी विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।

इन निर्णयों से छत्तीसगढ़ में शिक्षा, उद्योग, संस्कृति और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और राज्य का समग्र विकास सुनिश्चित होगा।