शिवनाथ एक्सप्रेस में पिछले महीने हुई 65 लाख की बड़ी चोरी की गुत्थी को जीआरपी ने सुलझा लिया है। इस मामले में दो साल से ट्रेनों में सक्रिय एक अंतरराज्यीय चोर गिरोह का खुलासा हुआ है। गिरोह ने गोंदिया से रायपुर जा रही एक महिला यात्री हिना पटेल का पर्स राजनांदगांव और दुर्ग के बीच चुरा लिया था। पर्स में हीरे और सोने के कीमती गहने, 45 हजार रुपए नकद और एक मोबाइल फोन था।

जांच में जुटी पुलिस को मिली बड़ी सफलता

इस गिरोह को पकड़ने के लिए जीआरपी की विशेष टीम ने सीसीटीवी फुटेज, ट्रेन के रिजर्वेशन चार्ट और 50 से अधिक होटलों के रिकॉर्ड खंगाले। जांच के दौरान रायपुर के एक होटल से दो आरोपियों संतोष साव और अब्दुल मनान को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में दोनों ने चोरी की घटना कबूली और अन्य साथियों के नाम भी बताए।

कोलकाता से गहनों का खरीदार गिरफ्तार

आरोपियों ने बताया कि चोरी के गहने रोहित उर्फ गोलू और शेखर को बेचे गए थे। शेखर को राउरकेला से गिरफ्तार कर लिया गया और उसके पास से हीरे के दो हार, अंगूठियां, कान के झुमके और 10 हजार रुपए बरामद किए गए। वहीं, कोलकाता से गहनों के खरीदार को भी गिरफ्तार किया गया है।

दो साल से सक्रिय था गिरोह

आरोपियों ने स्वीकारा है कि वे 2023 और 2024 में छत्तीसगढ़ की ट्रेनों में चोरी की कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। बिलासपुर, भिलाई और डोंगरगढ़ में भी ऐसी घटनाएं दर्ज हैं। पुलिस अधीक्षक श्वेता सिन्हा ने बताया कि यह अब तक की ट्रेनों में सबसे बड़ी चोरी थी, जिसे सुलझाने में साइबर सेल और जीआरपी की संयुक्त टीम ने अहम भूमिका निभाई। फरार आरोपी रोहित उर्फ गोलू की तलाश जारी है।

इस मामले के खुलासे ने रेलवे में सफर कर रहे यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, हालांकि रेलवे पुलिस की तत्परता से यह बड़ा गिरोह पकड़ा गया।