आज मंगलवार को पूरे देश में आठवां विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है। यह दिवस हर साल 3 जून को मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत 2018 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य साइकिल जैसे सरल, किफायती और पर्यावरण अनुकूल परिवहन माध्यम को बढ़ावा देना है।
रायपुर के आयुर्वेद ग्राम रावन के योग चिकित्सक और जिला योग प्रचारक दीपक कुमार वर्मा इस दिन को लेकर लोगों में खास जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं। वे वर्षों से “साइकिल की सवारी – न प्रदूषण, न बीमारी” जैसे प्रेरणादायक स्लोगन के साथ जन-जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
दीपक वर्मा का कहना है कि कुछ साल पहले जहां लोग साइकिल चलाना अपनी प्रतिष्ठा के खिलाफ मानते थे, वहीं अब हालात बदल चुके हैं। आज के दौर में लक्जरी गाड़ियों के मालिक भी साइकिल को अपनाने लगे हैं। युवाओं में फिटनेस और सेहत को लेकर जागरूकता बढ़ी है – लड़के जहां बॉडी फिट रखने के लिए साइकिल चला रहे हैं, वहीं लड़कियां इसे स्लिम रहने का जरिया बना रही हैं।
उन्होंने बताया कि नियमित रूप से 30 मिनट साइकिल चलाने से शरीर के सभी अंग सक्रिय हो जाते हैं, ब्रेन पॉवर में वृद्धि होती है, और नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है। इसके अलावा यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, जिससे बीमारियों से बचाव होता है। साइकिलिंग से न सिर्फ मानसिक और शारीरिक सेहत में सुधार होता है, बल्कि यह मर्दाना ताकत को भी बढ़ाता है।
दीपक का मानना है कि अगर हम रोजाना 5 किलोमीटर तक के सफर के लिए साइकिल का उपयोग करें, तो यह पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। वे नियमित योग कक्षाओं और सामूहिक साइकिल रैलियों के जरिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
साइकिल दिवस का उद्देश्य न सिर्फ फिटनेस को बढ़ावा देना है, बल्कि बढ़ते प्रदूषण के बीच एक साफ और हरित भविष्य की ओर भी इशारा करना है।
संदेश साफ है – स्वस्थ जीवन की दिशा में पहला कदम है साइकिल की सवारी।