छत्तीसगढ़ में जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा जारी नए युक्तियुक्तकरण आदेश ने शिक्षकों और सहायक शिक्षकों के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है। अंबिकापुर के डीईओ द्वारा जारी एक पत्र में सहायक शिक्षकों और शिक्षकों की जानकारी वर्तमान युक्तियुक्तकरण सेटअप के आधार पर मांगी गई है, जबकि व्याख्याताओं की जानकारी 2008 के सेटअप के अनुसार देने को कहा गया है। इससे अलग-अलग पदों के लिए भिन्न मानदंड अपनाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा ने इस आदेश को डीपीआई द्वारा जारी मार्गदर्शी निर्देशों के विरुद्ध बताया है। उनका कहना है कि जब राज्य स्तर पर एक समान निर्देश दिए गए हैं तो अंबिकापुर में अलग व्यवस्था क्यों लागू की जा रही है।

शिक्षकों का कहना है कि 2008 के सेटअप के आधार पर व्याख्याताओं के पदों में कटौती की आशंका है, जिससे हायर सेकेंडरी और हाईस्कूल में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।

इस मुद्दे को लेकर प्रदेश के 23 शिक्षक संगठनों ने एकजुटता दिखाई है और 28 मई को मंत्रालय का घेराव करने का ऐलान किया है। वहीं जब लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक ऋतुराज रघुवंशी से इस विषय पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो कोई जवाब नहीं मिला।

शिक्षक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पारदर्शी और एकसमान होनी चाहिए, ताकि किसी वर्ग के साथ भेदभाव न हो और सभी को न्याय मिल सके।