छत्तीसगढ़ के बलौदा बाज़ार जिले की ग्राम पंचायत रानी जरौद में उजागर हुए राशन घोटाले में प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह कदम एक विशेष मीडिया रिपोर्ट के बाद उठाया गया, जिसमें बताया गया था कि कई पात्र लाभार्थियों को महीनों से राशन नहीं मिल रहा है।

192 क्विंटल चावल और 2.20 क्विंटल नमक का घोटाला

जांच में सामने आया कि ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच सेवक राम साहू, सचिव तेजराम वर्मा, राशन विक्रेता राकेश कुमार साहू और जोहन लाल चतुर्वेदी ने मिलकर लगभग 192.130 क्विंटल चावल और 2.20 क्विंटल नमक का गबन किया। यह राशन अपात्र लोगों में वितरित किया गया, जिससे सरकार को 8 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।

कानूनी कार्रवाई और एफआईआर

इन आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 और सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पहले इन्हें 1 मई तक जवाब देने का मौका दिया गया था, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर मामला थाने में दर्ज कर दिया गया। जिला खाद्य अधिकारी विजय किरण और फूड इंस्पेक्टर गुलशन अनंत ने स्वयं थाना पहुंचकर शिकायत दी।

ग्रामीणों का आक्रोश और प्रशासन का आश्वासन

ग्रामवासियों ने मीडिया की भूमिका की सराहना की और कहा कि यदि यह घोटाला सामने नहीं आता, तो उन्हें अब भी उनका हक नहीं मिलता। पंचायत में कुल 617 राशन कार्डधारक हैं, जिनमें से 105 को मार्च में राशन नहीं मिला था, जबकि अप्रैल और मई का वितरण अभी तक अधूरा है। ग्रामीणों ने भूख हड़ताल की चेतावनी भी दी है।

भविष्य में होगी और सख्त कार्रवाई

कलेक्टर दीपक सोनी और एसडीएम अंशुल वर्मा के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। खाद्य विभाग ने आश्वासन दिया है कि दोषियों से पूरी राशि वसूली जाएगी और भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं पर और सख्त कदम उठाए जाएंगे।