अपने पति की मेहनत से खरीदी गई जमीन पर अवैध कब्जा होने से परेशान बुजुर्ग महिला राजबती जब कलेक्टोरेट पहुंचीं और अपनी पीड़ा रो-रो कर बताई, तब प्रशासन हरकत में आ गया। 14 मई के पत्रिका में इस खबर के प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठे थे। लेकिन कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई करते हुए राजबती को उसकी जमीन वापस दिलाई गई।

तहसीलदार ने की निष्पक्ष कार्यवाही

कलेक्टर के आदेश पर बेरला के तहसीलदार आशुतोष गुप्ता अपनी राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वहां उन्होंने अवैध कब्जाधारी साधेलाल की मौजूदगी में पारदर्शिता से जमीन की दोबारा माप कराई और सही सीमांकन करते हुए राजबती को उसकी जमीन का कब्जा सौंपा। भविष्य में किसी भी विवाद से बचने के लिए बांस-बल्ली लगाकर स्पष्ट सीमाएं भी तय की गईं।

जनदर्शन स्थगन के बावजूद सुनी गई बुजुर्ग की फरियाद

जिस दिन जनदर्शन कार्यक्रम आयोजित नहीं था, उसी दिन राजबती ने कलेक्टर के सामने अपनी व्यथा रखी। उनकी गंभीर समस्या को तुरंत संज्ञान में लेकर समाधान किया गया, जिससे प्रशासन की संवेदनशीलता और सक्रियता की मिसाल देखने को मिली।

खुशी से छलक पड़े आंसू

एक दिन पहले तक जो राजबती बेबसी और पीड़ा से रो रही थीं, आज वही खुशी के आंसुओं से अपनी जमीन पाकर भावुक हो गईं। यह कार्यवाही न सिर्फ उनके लिए न्याय का प्रतीक बनी, बल्कि आम लोगों में भी प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ाया। लोगों ने प्रशासन की त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की सराहना की।