रायपुर, छत्तीसगढ़:
राजधानी रायपुर स्थित सरकारी कार्डियक इंस्टिट्यूट की लंबे समय से बंद पड़ी सेवाओं को लेकर भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को पत्र लिखकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि मरीजों को केवल “तारीख पर तारीख” मिल रही है, जबकि सर्जरी जैसी जीवनरक्षक सेवाएं बंद हैं।

गरीब मरीज हो रहे निजी अस्पतालों के भरोसे:
सांसद अग्रवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि यह अत्यंत दुखद और चिंताजनक है कि कई बार निर्देश देने और विषय को विभिन्न मंचों पर उठाने के बावजूद भी रायपुर के मेकाहारा अस्पताल स्थित सरकारी कार्डियक इंस्टिट्यूट में सर्जरी सेवाएं ठप पड़ी हुई हैं।
इससे प्रदेश की गरीब जनता को न केवल इलाज से वंचित रहना पड़ रहा है, बल्कि वे मजबूरी में महंगे निजी अस्पतालों का रुख करने को मजबूर हैं, जिससे आर्थिक शोषण भी हो रहा है।

प्रशासनिक उपेक्षा का लगाया आरोप:
पत्र में सांसद ने लिखा, “इस विषय को पहले भी स्वशासी परिषद की बैठकों सहित कई मंचों पर उठाया गया था, लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा के चलते आज तक कोई समाधान नहीं निकला। कई मरीज इलाज न मिलने के कारण दम तोड़ चुके हैं और कुछ गरीब परिवार इलाज के लिए अपना सब कुछ बेचने की स्थिति में पहुंच चुके हैं।”

CM से उच्चस्तरीय बैठक बुलाने की मांग:
बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस गंभीर विषय को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जाए, ताकि कार्डियक इंस्टिट्यूट में सर्जरी सेवाएं तत्काल शुरू की जा सकें और गरीब मरीजों को जीवनदायिनी चिकित्सा सुविधा मिल सके।

पृष्ठभूमि:
मेकाहारा रायपुर का कार्डियक इंस्टिट्यूट प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक माना जाता है, जहां हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए खासतौर पर गरीब वर्ग निर्भर रहता है। सेवाएं बंद होने से हजारों मरीजों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।