छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में प्री-मानसून बारिश के साथ जहरीले जीव-जंतुओं की सक्रियता तेजी से बढ़ी है। खासकर सर्पदंश और बिच्छू के डंक की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। मई माह में जिले में सर्प काटने की वजह से तीन लोगों की जान जा चुकी है। जिला अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
खेतों में बढ़ा खतरा, किसानों को सतर्क रहने की सलाह
बारिश के चलते खेतों की सफाई और जुताई में जुटे किसानों को जहरीले जीव-जंतुओं के खतरे का सामना करना पड़ रहा है। खेतों और बिलों से निकलकर सांप और बिच्छू खुले में आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान में गिरावट और बढ़ती उमस के कारण ऐसे जीव-जंतु ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं।
एंटी स्नेक वेनम का किया गया प्रबंध
स्वास्थ्य विभाग ने संभावित खतरों को देखते हुए जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएससी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में एंटी स्नेक वेनम की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति की है। अब तक 1,000 डोज की व्यवस्था की जा चुकी है, और अतिरिक्त डोज जल्द पहुंचाए जाएंगे।
सर्पदंश से बच्चों और महिलाओं की मौत
सहसपुर गांव निवासी 10 वर्षीय मोहित साहू की मौत सर्पदंश से इलाज के दौरान हुई, जिस पर 12 मई को साजा थाने में मर्ग दर्ज किया गया। इसी तरह 26 मई को नारधी गांव की 45 वर्षीय महिला उमा पटेल की जान अज्ञात जंतु के काटने से चली गई। वहीं, बुधवारा गांव की 40 वर्षीय सत्यभामा पटेल की मौत भी 29 मई को सर्पदंश के कारण हो गई।
डॉक्टरों की चेतावनी: झाड़-फूंक से बचें, तुरंत अस्पताल पहुंचें
जिले के वरिष्ठ डॉक्टर डॉ. योगेश दुबे ने बताया कि सर्पदंश या किसी जहरीले जीव के काटने की स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाएं। झाड़-फूंक या देरी से इलाज कराने पर मरीज की जान पर बन आती है। लोगों से अपील की गई है कि किसी भी जीव-जंतु को न छेड़ें और उसे देखने पर विशेषज्ञों या वन विभाग को सूचना दें।
प्री-मानसून में अच्छी बारिश
जिला भू-अभिलेख कार्यालय के अनुसार, 27 से 31 मई के बीच जिले में अच्छी बारिश दर्ज की गई है। इस अवधि में कई इलाकों में 10 से 14 मिमी तक वर्षा दर्ज हुई है, जिससे मौसम में बदलाव हुआ है और साथ ही जहरीले जीवों की गतिविधियां भी बढ़ गई हैं।