छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत आवेदन प्रक्रिया चल रही है। इस योजना के अंतर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र को वर्ष 2024-25 में कुल 331 आवेदन प्राप्त हुए। हालांकि, इनमें से केवल 89 प्रकरणों को मंजूरी मिल पाई, जबकि 242 आवेदन निरस्त कर दिए गए।
अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश आवेदन रिजेक्ट होने के पीछे प्रमुख वजहों में आवेदकों का कम सिविल स्कोर, दस्तावेजों की कमी और आवेदन में त्रुटियां शामिल हैं। इससे परेशान होकर कई युवा विभागीय कार्यालयों और बैंकों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
यह योजना शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू की जा रही है और खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग इसके राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है। राज्य में इसका संचालन छत्तीसगढ़ खादी ग्रामोद्योग बोर्ड और जिला उद्योग केंद्रों के माध्यम से किया जा रहा है।
योजना के तहत नए व्यवसाय के लिए ही ऋण दिया जाता है, जिसमें विनिर्माण इकाइयों को 50 लाख रुपए और सेवा इकाइयों को 20 लाख रुपए तक का ऋण दिया जा सकता है। पात्र आवेदकों को सरकार की ओर से कुल 3 करोड़ 5 लाख 96 हजार रुपए की सब्सिडी स्वीकृत की गई है।
शहरी क्षेत्र के सामान्य आवेदकों को 15 प्रतिशत और विशेष श्रेणी (महिला, दिव्यांग, अनुसूचित जाति/जनजाति) के आवेदकों को 35 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है।
आवेदन अस्वीकृत होने की बढ़ती संख्या ने युवाओं की उम्मीदों को झटका दिया है और वे अब योजना की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुधार की मांग कर रहे हैं।