आंबेडकर अस्पताल की अव्यवस्थित दवा वितरण प्रणाली से पेंशनर्स भारी परेशानी झेल रहे हैं। पर्ची जमा करने के 13 से 15 दिन बाद दवा मिल रही है, जिससे विशेष रूप से हाइपरटेंशन और डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित पेंशनर्स की स्थिति और गंभीर हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, इन बीमारियों में नियमित दवा बेहद जरूरी होती है, ऐसे में इतनी देर से दवा मिलना मरीजों की सेहत से खिलवाड़ है।

पेंशनर्स ने बताया कि अस्पताल में दी जाने वाली सभी दवाएं जेनेरिक होती हैं, इसके बावजूद फार्मासिस्ट की मनमानी जारी है। उनका आरोप है कि जान-पहचान वालों को प्राथमिकता दी जाती है और उन्हें दो से तीन दिन में ही दवा दे दी जाती है, जबकि अन्य पेंशनर्स को लंबा इंतजार करना पड़ता है।

शिकायत करने पर गार्ड वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने नहीं देते और मरीजों को टालने की कोशिश की जाती है। बुजुर्गों को अक्सर अस्पताल परिसर में बहस करते देखा जा सकता है।

सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, पर्ची जमा करने के 2 से 3 दिन बाद दवा मिलनी चाहिए, लेकिन अस्पताल में इस नियम की अनदेखी हो रही है। पेंशनर्स ने दवा वितरण प्रणाली में तत्काल सुधार की मांग की है, ताकि दूरदराज से आने वाले मरीजों को राहत मिल सके।