रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने डमी एडमिशन के खिलाफ कड़ा मोर्चा खोलते हुए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्ताओं ने अपर कलेक्टर अभिलाषा पैकरा को ज्ञापन सौंपते हुए शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की मांग की।

इस अवसर पर एनएसयूआई के प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने डमी प्रवेश प्रणाली पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने और इसके खिलाफ ठोस नियमावली तैयार करने की मांग की। हेमंत पाल ने कहा कि डमी एडमिशन शिक्षा के अधिकार की मूल भावना के विपरीत है। विद्यालय केवल नाममात्र के लिए प्रवेश ले रहे हैं, जबकि छात्र पूरे वर्ष कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करते हैं। यह प्रक्रिया शिक्षा के व्यवसायीकरण को बढ़ावा देती है और विशेष रूप से ग्रामीण व आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के साथ गंभीर अन्याय है।

एनएसयूआई ने प्रशासन के समक्ष निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखीं:

  • जिले में संचालित सभी विद्यालयों और कोचिंग संस्थानों की सघन जांच की जाए।

  • डमी एडमिशन प्रणाली पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए।

  • दोषी संस्थानों की मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही की जाए।

  • शिक्षा विभाग द्वारा एक स्पष्ट नियमावली बनाकर व्यवस्था को नियंत्रित किया जाए।

ज्ञापन सौंपने के बाद अपर कलेक्टर अभिलाषा पैकरा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

इस दौरान एनएसयूआई के वाइस चेयरमैन पुनेश्वर लहरे, जिला महासचिव रजत ठाकुर, विधानसभा उपाध्यक्ष अंकित बंजारे, हिमांशु तांडी, यश देवांगन, तिरुपति राव, विनय साहू, असलान शेख, लोकेश सारथी सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।