छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को राहत देने के लिए एक नई योजना लागू कर दी गई है। इसके तहत यदि किसी परिवार के तीन सदस्य एक ही दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होते हैं, तो प्रत्येक को अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी। यानी एक परिवार को कुल 4.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। यह सुविधा 23 मई से लागू हो गई है और यह पूरे प्रदेश के आयुष्मान भारत योजना से जुड़े सरकारी और निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगी।
प्रदेश में करीब 1,000 अस्पताल इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत हैं। यह योजना केंद्र सरकार की “सड़क दुर्घटना कैशलेस उपचार योजना-2025” के तहत लागू की गई है। इसके अंतर्गत पीड़ित को दुर्घटना के 7 दिनों तक उपचार के लिए कोई भी अग्रिम राशि नहीं देनी होगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि यदि घायल व्यक्ति को नजदीकी आयुष्मान अस्पताल में ले जाया जाता है, और वहां इलाज की पूरी व्यवस्था नहीं है, तो अस्पताल उसे तुरंत किसी विशेषज्ञ अस्पताल में रेफर करेगा और पोर्टल पर इसका विवरण दर्ज करेगा, जिससे समय पर उचित इलाज मिल सके।
इस योजना की खास बात यह है कि इसमें इलाज के लिए किसी प्रकार की आय सीमा नहीं रखी गई है। गरीब हो या अमीर, सभी को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। बीमा पॉलिसी या एडवांस भुगतान की जरूरत भी नहीं होगी।
पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी। दुर्घटना का विवरण पुलिस की ई-डीएआर एप पर दर्ज होगा और अस्पताल इलाज से संबंधित क्लेम ऑनलाइन अपलोड करेगा। इसके बाद राज्य स्वास्थ्य एजेंसी या कलेक्टर स्तर पर जांच के बाद क्लेम मंजूर किया जाएगा और राशि सीधे अस्पताल के खाते में भेजी जाएगी।
यह योजना सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर बेहतर इलाज और आर्थिक सहायता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।