NCRT द्वारा जारी की जा रही नई पाठ्यपुस्तकों पर लगातार विवाद हो रहा है। खासकर कक्षा 1 से 8 तक की किताबों में बदलाव को लेकर विभिन्न आपत्तियां उठाई जा रही हैं। इनमें से कुछ आपत्तियां किताबों के नामकरण, विषयवस्तु, और ऐतिहासिक संदर्भों से जुड़ी हैं।
इस बार एनसीईआरटी ने कक्षा 7 की सोशल साइंस किताब “Exploring Society: India and Beyond” में मुगलों और दिल्ली सल्तनत के संदर्भों को हटाने के फैसले को लेकर आलोचना झेली है। किताब में भारतीय राजवंशों पर नए चैप्टर जोड़े गए हैं, जिसमें महाकुंभ, मेक इन इंडिया, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे प्रमुख योजनाओं का उल्लेख है। एनसीईआरटी ने इन बदलावों को नयी शिक्षा नीति और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (एनसीएफ) के तहत सही ठहराया है।
इसके अलावा, एनसीईआरटी ने किताबों के नामकरण पर भी प्रतिक्रिया दी है, जहां पहले की किताबों के मुकाबले भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों के नाम रखे गए हैं, जैसे कि ‘मृदंग’ (कक्षा 1 और 2 की अंग्रेजी किताब), ‘संतूर’ (कक्षा 3 की अंग्रेजी किताब), और ‘पूर्वी’ (कक्षा 6 और 7 की अंग्रेजी किताब)। इस कदम को भारतीय संस्कृति के प्रति छात्रों की रुचि बढ़ाने और संगीत के महत्व को समझाने की दिशा में उठाया गया एक कदम बताया गया है।
एनसीईआरटी का कहना है कि इन किताबों का नामकरण और विषयवस्तु एनईपी 2020 और एनसीएफ 2023 के आधार पर किया गया है, जो राष्ट्रीय शिक्षा के समग्र दृष्टिकोण को अपनाता है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले की किताबों की तुलना नई किताबों से करना उचित नहीं है, क्योंकि नई किताबें पूरी तरह से नई दृष्टिकोण और पैटर्न पर आधारित हैं।
एनसीईआरटी ने स्पष्ट किया कि इन किताबों में कोई महत्वपूर्ण विषय नहीं हटाया गया है, बल्कि इन्हें नए तरीके से पेश किया गया है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि इन किताबों के सभी 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं में अनुवाद किए जाएंगे, ताकि छात्रों को उनकी मातृभाषा में भी इसका लाभ मिल सके।
वहीं, कुछ लोगों ने इंग्लिश और हिंदी किताबों के समान नाम पर सवाल उठाया है, लेकिन एनसीईआरटी का कहना है कि यह नामकरण बिल्कुल उचित है और इसके पीछे भारतीयता को बढ़ावा देने का उद्देश्य है। एनसीईआरटी ने यह भी बताया कि इन बदलावों को लेकर प्राप्त प्रतिक्रिया काफी सकारात्मक रही है और कई शिक्षाविदों ने इन किताबों को 5 स्टार रेटिंग दी है।
इस विवाद के बीच, एनसीईआरटी ने आने वाले महीनों में अन्य कक्षाओं के लिए नई किताबों की टाइमलाइन भी जारी की है। कक्षा 4 से लेकर 8 तक की किताबें जल्द ही बाजार में उपलब्ध होंगी, और स्कूलों में ब्रिज कोर्स की शुरुआत भी की जा चुकी है ताकि छात्र नए पैटर्न में आसानी से समायोजित हो सकें।
कुल मिलाकर, एनसीईआरटी की नई किताबों को लेकर जो विवाद खड़ा हुआ है, वह भारत की सांस्कृतिक धरोहर, शिक्षा नीति, और पाठ्यक्रम में बदलावों को लेकर हो रहा है।