खरोरा के पास निर्माणाधीन शासकीय मेडिकल कॉलेज का काम तेज़ी से जारी है। दिसंबर 2025 तक इसे पूरी तरह से तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। 325 करोड़ की लागत से 89.19 एकड़ ज़मीन पर कॉलेज का निर्माण हो रहा है, जिसमें करीब 58 प्रतिशत कार्य अब तक पूरा हो चुका है।
कॉलेज का सात मंजिला अकादमिक भवन बनकर तैयार हो चुका है और अब इसके अंदरूनी साज-सज्जा (इंटीरियर) का काम चल रहा है। इस इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर प्रशासनिक कार्यालय बनाया गया है, जबकि प्रथम मंजिल में डेमो रूम, रिसर्च रूम और फैकल्टी ऑफिस तैयार किए जा रहे हैं। तीसरी मंजिल पर सेंट्रल लाइब्रेरी और चौथी मंजिल पर अत्याधुनिक लैब और डेमो कक्ष की योजना है।
कॉलेज परिसर में हॉस्टल सुविधाओं का भी तेजी से विकास किया जा रहा है। दो मंजिला अंडरग्रेजुएट हॉस्टल में ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर 17-17 सिंगल शेयरिंग रूम और 34-34 डबल शेयरिंग रूम होंगे। वहीं, सेकंड फ्लोर पर 18 सिंगल और 31 डबल शेयरिंग रूम तैयार किए जा रहे हैं।
इसके अतिरिक्त इंटर्न्स के लिए तीन मंजिला हॉस्टल भवन भी बन रहा है, जिसमें ग्राउंड, प्रथम और द्वितीय तल पर 16-16 सिंगल रूम और तृतीय मंजिल पर चार सिंगल रूम होंगे।
कॉलेज तक पहुंचने के लिए फिलहाल कच्ची सड़क है, जिससे आवाजाही में दिक्कत हो रही है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इस परेशानी को दूर करने के लिए नेशनल हाईवे-353 से कॉलेज तक फोरलेन सड़क निर्माण के लिए कलेक्टर को प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव को स्वीकृति मिलते ही पक्की सड़क बनाई जाएगी।
कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, छात्रों के लिए हॉस्टल भवन पूरी तरह से बनकर तैयार है, लेकिन मार्ग की असुविधा के कारण अभी उपयोग में नहीं लाया गया है। जैसे ही सड़क की व्यवस्था हो जाती है, हॉस्टल संचालन शुरू किया जाएगा।
प्रोफेसर अलख राम वर्मा ने जानकारी दी कि निर्माण कार्य में लगातार प्रगति हो रही है और तय समय सीमा में पूरा करने का प्रयास जारी है।
अगला चरण: अस्पताल और स्टाफ क्वार्टर
कॉलेज परिसर में भविष्य में एक बड़े अस्पताल और स्टाफ क्वार्टर का भी निर्माण प्रस्तावित है। फिलहाल 40 एकड़ क्षेत्र में कार्य हो चुका है, जबकि बाकी की लगभग 50 एकड़ जमीन पर अस्पताल व अन्य भवन बनाए जाएंगे। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक हॉस्टल की सुविधा पूरी तरह से शुरू हो जाएगी, जिससे छात्रों को पढ़ाई के साथ बेहतर आवासीय व्यवस्था मिल सकेगी।
इस मेडिकल कॉलेज के पूरा होने से न केवल चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि छात्रों को किराए के भवनों से मुक्ति मिलकर एक स्थायी और आधुनिक कैंपस मिलेगा।