महादेव तालाब के सौंदर्यीकरण कार्य में बाल मजदूरी की सूचना पर जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर बड़ा खुलासा किया। महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग और पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई में यह सामने आया कि कीर्ति कन्स्ट्रक्शन द्वारा चलाए जा रहे निर्माण कार्य में 55 मजदूरों में से 22 नाबालिग थे, जिनमें 11 लड़के और 11 लड़कियां शामिल हैं। इनमें से लगभग 8 बच्चों की उम्र करीब 14 साल के आसपास पाई गई।
बिना अनुमति चल रहा था काम, नियमों की अनदेखी
जांच के दौरान कीर्ति कन्स्ट्रक्शन के इंजीनियर देवेंद्र साहू से जब बाल मजदूरी को लेकर सवाल किए गए, तो वे संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। यह कृत्य बाल श्रम निषेध अधिनियम 1986 और किशोर न्याय अधिनियम 2015 का स्पष्ट उल्लंघन पाया गया। श्रम विभाग ने पहले भी कीर्ति कन्स्ट्रक्शन को बाल श्रम न करने और आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के निर्देश दिए थे, लेकिन फिर भी कंपनी ने 50 से अधिक मजदूरों से कार्य कराया, जिनमें कई नाबालिग थे।
बच्चों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया
रेस्क्यू किए गए सभी नाबालिगों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। लड़कों को टुमारोज फाउंडेशन बालगृह और लड़कियों को सखी सेंटर में अस्थायी रूप से रखा गया है। बच्चों के माता-पिता को सूचित कर उनके दस्तावेजों (जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, शैक्षणिक प्रमाणपत्र) के साथ समिति के सामने उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है, ताकि बच्चों के पुनर्वास और शिक्षा से जुड़ाव की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके।