जगदलपुर, 26 मई 2025: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान तेज गति से जारी है। वर्ष 2025 को ‘झीरम घाटी हमले के न्याय का वर्ष’ माना जा रहा है क्योंकि इस साल कई वांछित नक्सलियों का सफाया किया गया है। वहीं झीरम घाटी हमले का मास्टरमाइंड, माडवी हिडमा, अब भी सुरक्षाबलों की गिरफ्त से बाहर है। केंद्र और राज्य सरकारें मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के अभियान में जुटी हैं।
अब तक की बड़ी कार्रवाई:
साल 2025 में बस्तर में करीब 20 नक्सली घटनाएं सामने आईं। सुरक्षाबलों के अभियान में अब तक 183 नक्सली मारे गए और 718 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। हाल ही में नारायणपुर जिले में हुए एनकाउंटर में भाकपा (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू को मार गिराया गया। उस पर डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम था।
झीरम घाटी नरसंहार और हिडमा:
25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था। इस हमले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्या चरण शुक्ल समेत 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस हमले का मास्टरमाइंड माडवी हिडमा अब भी फरार है। हिडमा सुकमा जिले का निवासी है और माओवादी संगठन की PLGA बटालियन नंबर-1 का कमांडर है। उस पर कुल मिलाकर लगभग 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया गया है।
हिडमा की वर्तमान स्थिति:
सूत्रों के अनुसार, बढ़ते दबाव के चलते हिडमा को नक्सली संगठन की सेंट्रल कमेटी से हटा दिया गया है। वह अब गुप्त स्थान पर छिपा हुआ है। हालांकि उसकी गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर बनी हुई है और उसे पकड़ने की कोशिशें तेज हैं।
महिला नक्सली सुजाता की भी तलाश जारी:
बीजापुर हमले की सह-आरोपी सुजाता नामक महिला नक्सली भी सुरक्षाबलों की निगरानी में है। उस पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित है और वह नक्सली संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
रेड कॉरिडोर का विस्तार:
देश के 11 राज्यों के करीब 90 जिलों में नक्सलवाद सक्रिय है, जिसे रेड कॉरिडोर कहा जाता है। इसमें छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं।