रायपुर छत्तीसगढ़: प्रदेश में 1 अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगाने का काम जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हालांकि, अब तक प्रदेश में केवल 6 प्रतिशत गाड़ियों के लिए ही एचएसआरपी लगाने के आदेश प्राप्त हुए हैं। राज्य में 1 अप्रैल 2019 से पहले कुल 50 लाख वाहन पंजीकृत हैं, जिसमें से केवल 3 लाख वाहनों ने ही एचएसआरपी के लिए आवेदन किया है।
परिवहन विभाग द्वारा की गई बैठक में यह तय किया गया कि इस काम में तेजी लाने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में वाहनों की संख्या के हिसाब से एचएसआरपी बनाने वाली मशीनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। साथ ही, फिटमेंट सेंटरों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी ताकि वाहनों में एचएसआरपी की शीघ्रता से फिटिंग हो सके।
अब तक 85 हजार गाड़ियों में एचएसआरपी लगाए जा चुके हैं, जिनमें रायपुर शहर में 9 लाख वाहनों का एक बड़ा हिस्सा शामिल है। एचएसआरपी में बाईं ओर क्रोमियम-आधारित अशोक चक्र होता है और पिन लेजर एनकोडेड होने के कारण यह टैम्पर-प्रूफ भी होता है।
एचएसआरपी और सामान्य नंबर प्लेट में अंतर
एचएसआरपी की प्रमुख विशेषताएं:
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बाईं ओर अशोक चक्र होता है।
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पिन लेजर एनकोडेड होता है, जिसे आसानी से स्कैन किया जा सकता है।
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यह टैम्पर-प्रूफ और सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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फोंट और स्टाइल समान होते हैं, जो पुराने नंबर प्लेट के मुकाबले अधिक स्थिर और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
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एचएसआरपी की लागत:
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टू-व्हीलर के लिए 365.80 रुपए (जीएसटी सहित)
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थ्री-व्हीलर के लिए 427.16 रुपए
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लाइट मोटर व्हीकल (पैसेंजर कार) के लिए 656.08 रुपए से 705.64 रुपए तक
15 दिनों में मिलेगा एचएसआरपी
परिवहन विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि एचएसआरपी के लिए आदेश देने पर अब 15 दिनों से अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए जिलों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी और उनका नंबर सार्वजनिक किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जिला स्तर पर मोबाइल टीमों को भी सक्रिय किया जाएगा जो कैंप लगाकर नंबर प्लेट के लिए आदेश लेंगी और जरूरत के अनुसार नंबर अपडेट करेंगी।