बिलासपुर, छत्तीसगढ़ – अपोलो अस्पताल, बिलासपुर में कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य उर्फ डॉ. केम को सरकंडा पुलिस ने दमोह (मध्यप्रदेश) से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को शुक्रवार को जिला न्यायालय में पेश किया गया, जहां से पुलिस को एक दिन की न्यायिक रिमांड दी गई है। अब पुलिस की विशेष टीम डॉक्टर से गहन पूछताछ कर रही है।

फर्जी डॉक्टर से कई गंभीर सवाल

पुलिस उप अधीक्षक और प्रवक्ता रश्मित कौर चावला ने जानकारी दी कि आरोपी से पूछताछ के लिए एक विशेष जांच टीम बनाई गई है। पूछताछ के दौरान डॉक्टर नरेंद्र से यह सवाल प्रमुख रूप से पूछे जा रहे हैं:

  • उसने मेडिकल की पढ़ाई कहां से की?

  • कार्डियोलॉजी की डिग्री कहां से प्राप्त की?

  • जब डिग्री फर्जी है, तो अपोलो प्रबंधन ने उसे कैसे हायर किया?

  • उसने कितने मरीजों का इलाज या ऑपरेशन किया?

पुलिस के मुताबिक आरोपी डॉक्टर ने इन सवालों के जवाब या तो टाल दिए या फिर गोलमोल तरीके से दिए। इस वजह से पुलिस उसकी पृष्ठभूमि, प्रमाणपत्र और अस्पताल में उसके कार्यकाल की गहन जांच कर रही है।

अपोलो प्रबंधन भी सवालों के घेरे में

सिर्फ आरोपी डॉक्टर ही नहीं, अपोलो अस्पताल के प्रबंधन पर भी अब सवाल उठ रहे हैं कि बिना उचित जांच-पड़ताल के कैसे एक फर्जी डॉक्टर को कार्डियोलॉजिस्ट के पद पर नियुक्त किया गया? अस्पताल प्रशासन से भी पूछताछ की जा रही है।

इस मामले ने न सिर्फ चिकित्सा पेशे की विश्वसनीयता को झटका दिया है, बल्कि स्वास्थ्य संस्थानों में भर्ती प्रक्रिया की खामियों को भी उजागर किया है।