दुर्ग | 6 मई:
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए देशभर के 244 संवेदनशील क्षेत्रों में बुधवार 7 मई को एयर अटैक जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए मॉकड्रिल आयोजित की जाएगी। छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर को भी इस सूची में शामिल किया गया है। भिलाई स्टील प्लांट जैसे अहम औद्योगिक संस्थान के चलते दुर्ग को सुरक्षा की दृष्टि से कैटेगरी-2 क्षेत्र में रखा गया है।

दुर्ग कलेक्टर ने जानकारी दी कि बुधवार को शाम 4 बजे शहर के अलग-अलग इलाकों में सायरन बजाया जाएगा। इसके बाद सिविल डिफेंस और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा एयर स्ट्राइक जैसी परिस्थिति में नागरिकों को सुरक्षित रखने की प्रैक्टिस करवाई जाएगी।

1971 के बाद देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर ड्रिल

इस तरह की मॉकड्रिल देश में आखिरी बार 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय हुई थी। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। केंद्र सरकार किसी भी संभावित खतरे से पहले पूरी तैयारी सुनिश्चित करना चाहती है।

ड्रिल की मुख्य गतिविधियां:

  • सायरन और चेतावनी अलर्ट: शाम 4 बजे एक साथ सायरन बजाकर अभ्यास की शुरुआत होगी।

  • रेडियो और हॉटलाइन कम्युनिकेशन: इंडियन एयर फोर्स से त्वरित संपर्क की प्रक्रिया का परीक्षण किया जाएगा।

  • कंट्रोल रूम एक्टिवेशन: मुख्य और शैडो कंट्रोल रूम पूरी तरह से क्रियाशील रहेंगे।

  • लोगों को ट्रेनिंग: आम नागरिकों और छात्रों को हवाई हमले की स्थिति में सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जाएगी।

  • ब्लैकआउट एक्सरसाइज: लाइट बंद कर संभावित निशाने को अंधेरे में छिपाने का अभ्यास किया जाएगा।

  • बंकर और रेस्क्यू: आपात बंकरों की जांच और सफाई की जाएगी, साथ ही निकासी योजना का परीक्षण होगा।

प्रशासनिक तैयारियां

इस मॉकड्रिल को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें दुर्ग संभाग के कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, पुलिस व केंद्रीय बलों के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए विस्तृत योजना पर चर्चा हुई। इसके साथ ही नागरिकों को जागरूक करने के लिए वीडियो और गाइडलाइन भी जारी की गई हैं।

यह अभ्यास न केवल सुरक्षा व्यवस्था की जांच करेगा, बल्कि आम लोगों में भी आपदा के समय शांत और सतर्क रहने की समझ विकसित करने में मदद करेगा।