कोरबा जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) घोटाले की जांच में तेजी लाते हुए आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने कोरबा जनपद पंचायत के चार पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को 19 मई तक रिमांड पर लिया है। मंगलवार को इन अधिकारियों—भरोसाराम ठाकुर (पूर्व नोडल अधिकारी, डीएमएफटी), भूनेश्वर सिंह राज, राधेश्याम मिर्झा और वीरेंद्र कुमार राठौर—को कोर्ट में पेश किया गया।
ईओडब्ल्यू के विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि अब तक की पूछताछ से कई महत्वपूर्ण इनपुट मिले हैं, जिनके आधार पर दस्तावेज और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। आगे की गहन पूछताछ के लिए छह दिन की अतिरिक्त रिमांड की मांग की गई, जिसे विशेष न्यायाधीश ने मंजूर कर लिया।
रानू साहू और अन्य की न्यायिक रिमांड 27 मई तक बढ़ी
डीएमएफ घोटाले में गिरफ्तार और न्यायिक हिरासत में भेजे गए निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, माया वारियर और मनोज द्विवेदी की न्यायिक रिमांड को 14 दिन और बढ़ा दिया गया है। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत में हुई।
प्रकरण की जांच जारी होने और चार अन्य अधिकारियों से पूछताछ के मद्देनजर अभियोजन पक्ष ने इन पांचों की न्यायिक रिमांड बढ़ाने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर 27 मई तक न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि यह घोटाला लगभग 90 करोड़ 48 लाख रुपये का है, जिसकी जांच ईओडब्ल्यू के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रही है।