छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला लेवी घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रमुख आरोपियों को अंतरिम जमानत प्रदान की है। हालांकि, अन्य मामलों में आरोपित होने के कारण वे फिलहाल जेल में ही रहेंगे।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान पूर्व नौकरशाह सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर विश्नोई और व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी को अंतरिम जमानत दी। हालांकि, कोर्ट ने इन चारों को छत्तीसगढ़ राज्य में रहने पर प्रतिबंध लगाया है, यह कहते हुए कि वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं।

जमानत की शर्तें

  • आरोपियों को रिहाई के एक सप्ताह के भीतर राज्य के बाहर अपने निवास का पता जांच एजेंसी और संबंधित थाना को सूचित करना होगा।

  • उन्हें अपने पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करने होंगे।

  • वे गवाहों से संपर्क नहीं कर सकते और न ही साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं; ऐसा करना अंतरिम जमानत का दुरुपयोग माना जाएगा।

  • उन्हें जांच एजेंसी और ट्रायल कोर्ट के समक्ष आवश्यकतानुसार उपस्थित होना होगा।

अन्य मामलों में गिरफ्तारी

हालांकि, इन आरोपियों को अंतरिम जमानत मिली है, लेकिन वे अन्य मामलों में भी आरोपी हैं। विशेष रूप से, जिला खनिज निधि (DMF) घोटाले में इन पर गंभीर आरोप हैं। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मामले में उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं, जिससे वे फिलहाल जेल में ही रहेंगे।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट ने कोयला लेवी घोटाले में आरोपियों को अंतरिम जमानत दी है, लेकिन अन्य मामलों में आरोपित होने के कारण वे जेल में ही रहेंगे। कोर्ट ने उन्हें छत्तीसगढ़ से बाहर रहने और जांच में सहयोग करने की सख्त शर्तें दी हैं।