छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों के अनुपात को राष्ट्रीय शिक्षा नीति और शिक्षा का अधिकार कानून के अनुरूप करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया के तहत राज्य सरकार ने 10 हजार से अधिक स्कूलों का पुनर्गठन करने का निर्णय लिया है, जिससे 43 हजार से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो सकते हैं।

इस फैसले के खिलाफ राज्यभर के शिक्षक विरोध में उतर आए हैं। ‘सर्व शिक्षक संघ छत्तीसगढ़’ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षक तूता धरना स्थल पर जुटे हुए हैं और इस प्रक्रिया को तत्काल रद्द करने की मांग कर रहे हैं। राजधानी में राज्योत्सव मैदान के पास प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों को रोकने के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई।

गौरतलब है कि मंगलवार को स्कूल शिक्षा विभाग ने 10,463 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी किया था। इसमें ई-संवर्ग के 5,849 और टी-संवर्ग के 4,614 स्कूल शामिल हैं। सबसे अधिक युक्तियुक्तकरण उन स्कूलों का किया गया है जो एक ही परिसर में प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल के रूप में संचालित हो रहे थे। सरकार ने ऐसे 10,297 स्कूलों को एकीकृत करते हुए एक साथ समायोजित कर दिया है।

शिक्षकों का कहना है कि इस कदम से न केवल हजारों की संख्या में पद समाप्त हो जाएंगे, बल्कि शिक्षकों का स्थानांतरण भी बड़े पैमाने पर किया जाएगा, जिससे उनकी निजी और पारिवारिक ज़िंदगियों पर भी असर पड़ेगा।