छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन स्थानीय आभूषण व्यापारियों को हॉलमार्किंग के महत्व के प्रति जागरूक कर रहा है ताकि उपभोक्ताओं को शुद्धता और गुणवत्ता वाली ज्वेलरी मिल सके। रायपुर में लगभग 600 आभूषण दुकानें हैं, जिनमें से 300 से अधिक के पास हॉलमार्किंग लाइसेंस है।
हॉलमार्किंग, जो भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा प्रमाणित होती है, आभूषणों पर एक स्पष्ट चिह्न होता है जो उनकी शुद्धता को दर्शाता है। यह प्रणाली उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने और उद्योग में पारदर्शिता लाने के लिए बनाई गई है। हालांकि सरकार ने अभी तक सख्त दंडात्मक प्रावधान लागू नहीं किए हैं, लेकिन भविष्य में अनुपालन न करने पर कानूनी कार्रवाई की संभावना है।
सराफा एसोसिएशन चांदी के आभूषणों में भी हॉलमार्किंग की शुरुआत करने की योजना बना रहा है और व्यापारियों को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर रहा है ताकि उद्योग मानकों को बनाए रखा जा सके।
उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे आभूषण खरीदते समय BIS लोगो, शुद्धता के चिह्न (जैसे 22K916), और छह अंकों वाले HUID नंबर की जांच करें ताकि उनकी प्रामाणिकता सुनिश्चित हो सके। इसके अतिरिक्त, एसोसिएशन राज्य में चांदी के आभूषणों में न्यूनतम 99% शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए भी प्रयासरत है।
अधिक जानकारी या सदस्यता के लिए, छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: cgsarafa.com।