छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के होनहार युवा शिखर अग्रवाल ने अपनी मेहनत और नवाचार के बलबूते अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है। अमेरिकी बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स ने उन्हें एशिया के ’30 अंडर 30′ की हेल्थकेयर कैटेगरी में शामिल किया है। यह सम्मान उन्हें उनके स्टार्टअप हेल्थ नाऊ एम्बुलेंस और अनहद फार्मा के लिए मिला है, जो स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीक का कुशल प्रयोग कर रहे हैं।
कोरोना काल बना प्रेरणा का स्रोत
कोरोना महामारी के दौरान एंबुलेंस सेवा चलाते हुए शिखर ने दवा आपूर्ति की चुनौतियों को करीब से देखा। इसी अनुभव ने उन्हें अनहद फार्मा की शुरुआत के लिए प्रेरित किया। खास बात यह रही कि इस स्टार्टअप के लिए उन्होंने अपने परिवार से कोई आर्थिक सहायता नहीं ली। अनहद फार्मा एक बी2बी फार्मा-टेक कंपनी है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ऑर्डरिंग और इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए 150 से ज्यादा दवा कंपनियों से जुड़ी है। इसकी सेवाओं ने महामारी के समय 10,000 से अधिक लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई।
तेजी से बढ़ता कारोबार
आज अनहद फार्मा का वार्षिक टर्नओवर लगभग 100 करोड़ रुपये है। अब यह कंपनी एक नया बी2सी मोबाइल एप लॉन्च करने जा रही है, जिससे आम ग्राहक सीधे इस प्लेटफॉर्म से सस्ती और समय पर दवाएं मंगा सकेंगे। इस स्टार्टअप को गुडवाटर कैपिटल जैसे बड़े निवेशकों का सहयोग भी प्राप्त है।
शिखर अग्रवाल का सफरनामा
शिखर अग्रवाल रायगढ़ के व्यवसायी राजेंद्र अग्रवाल के बेटे हैं। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा रायगढ़ में, माध्यमिक शिक्षा पंचगनी (महाराष्ट्र) में तथा उच्च माध्यमिक शिक्षा बेंगलुरु में पूरी की। फिर शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 549 हासिल कर आईआईटी बॉम्बे में दाखिला लिया, जहाँ से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया।
शिखर की यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।